Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Sep, 2025 09:22 AM

राजधानी में मानसून की चाल ने सितंबर की शुरुआत को झकझोर कर रख दिया है। लगातार हो रही बारिश ने जहां तापमान में गिरावट ला दी है, वहीं लोगों की दिनचर्या भी अस्त-व्यस्त हो गई है। बीते 24 घंटों में दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में तेज बारिश ने हालात ऐसे...
नई दिल्ली: राजधानी में मानसून की चाल ने सितंबर की शुरुआत को झकझोर कर रख दिया है। लगातार हो रही बारिश ने जहां तापमान में गिरावट ला दी है, वहीं लोगों की दिनचर्या भी अस्त-व्यस्त हो गई है। बीते 24 घंटों में दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में तेज बारिश ने हालात ऐसे बना दिए कि सड़कों पर गाड़ियां रेंगती रहीं और कई जगहों पर जलभराव से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ठंड की दस्तक, लेकिन परेशानी भी साथ आई
दिल्ली में इस बार अगस्त ने बीते 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक ठंडा महीना दर्ज किया। सितंबर की शुरुआत भी ठंडी और भीगी हुई रही। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक भी दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में बारिश जारी रह सकती है। येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इससे गर्मी से राहत तो जरूर मिली है, मगर ट्रैफिक और जलभराव ने जीवन को थमा दिया है।
वर्क फ्रॉम होम बना सहारा, गुरुग्राम में कंपनियों का बड़ा फैसला
बारिश और ट्रैफिक जाम की स्थिति को देखते हुए गुरुग्राम की कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे दी है। राजीव चौक, सोहना रोड और गोल्फ कोर्स रोड जैसे क्षेत्रों में पानी भरने से ट्रैफिक कई घंटों तक जाम रहा। मौसम को देखते हुए, ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने स्कूलों को 02-09-2025 को ऑनलाइन क्लास चलाने का आदेश दिया। डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन लोगों से अपील करता है कि वे मौसम को देखते हुए सावधानी बरतें, बिना ज़रूरत घर से बाहर न निकलें और प्रशासन के नियमों का पालन करें।
नोएडा-गाजियाबाद भी बेहाल, जलभराव बना बड़ी चुनौती
दिल्ली के अलावा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी बारिश ने जमकर कहर बरपाया। मुख्य सड़कें पानी में डूब गईं, जिसके चलते स्कूली बच्चों और ऑफिस जाने वालों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ी। मौसम विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में अगले 48 घंटे तक रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है।
बढ़ते जलस्तर ने बढ़ाई चिंता: यमुना खतरे के निशान से ऊपर
बारिश का असर केवल ट्रैफिक और तापमान पर ही नहीं, बल्कि यमुना नदी पर भी साफ देखा जा सकता है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के चलते यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। प्रशासन ने स्थिति को गंभीर मानते हुए निचले इलाकों में रहने वालों को पहले से ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।
सावधानी जरूरी, प्रशासन सतर्क
हालांकि, राहत की बात यह है कि प्रशासन इस बार पहले से सतर्क दिख रहा है। जलभराव और बाढ़ की आशंका वाले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और राहत दलों को तैनात किया गया है।