Edited By Mehak,Updated: 27 Dec, 2025 11:18 AM

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने कोलकाता स्थित श्रेय ग्रुप की दो कंपनियों में 2,434 करोड़ रुपये के बरोइंग फ्रॉड का खुलासा किया है। इसमें श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस में 1,241 करोड़ और श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस में 1,193 करोड़ रुपये की हेराफेरी शामिल है।...
नेशनल डेस्क : देश के प्रमुख और भरोसेमंद सरकारी बैंक Punjab National Bank (PNB) एक बार फिर चर्चा का विषण बन गया है। इस बार चर्चा का कारण कोई नई योजना नहीं, बल्कि बैंक में सामने आया 2,434 करोड़ रुपये का बड़ा फ्रॉड है। बैंक ने इस धोखाधड़ी की जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दी है। मामला कोलकाता स्थित श्रेय ग्रुप (SREI Group) की दो कंपनियों से जुड़ा है।
क्या है पूरा मामला?
बैंक के अनुसार, यह धोखाधड़ी दो अलग-अलग खातों में हुई है। इसमें शामिल हैं:
- श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (SREI Equipment Finance Ltd) – इसमें 1,241 करोड़ रुपये का गबन।
- श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (SREI Infrastructure Finance Ltd) – इसमें 1,193 करोड़ रुपये का गबन।
इन दोनों को जोड़ने पर कुल रकम 2,434 करोड़ रुपये होती है। बैंक ने इसे 'बरोइंग फ्रॉड' (Borrowing Fraud) की श्रेणी में रखा है। इसका मतलब है कि कर्ज लेने या उसके इस्तेमाल में बड़ी हेराफेरी हुई है।
फ्रॉड कैसे हुआ?
साधारण भाषा में समझें तो, जब कोई कंपनी बैंक से किसी प्रोजेक्ट के लिए कर्ज लेती है, लेकिन वह पैसा उस प्रोजेक्ट में खर्च न करके कहीं और लगाती है, तो इसे फ्रॉड माना जाता है।
श्रेय ग्रुप की शुरुआत 1989 में हुई थी और यह मुख्य रूप से निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को फाइनेंस करती थी। समय के साथ कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ गया और वह उसे लौटाने में असमर्थ हो गई। हालात इतने बिगड़े कि अक्टूबर 2021 में RBI को दखल देना पड़ा, और कंपनी के बोर्ड को भंग कर दिया गया था। बाद में National Asset Reconstruction Company (NARCL) के जरिए समाधान योजना को मंजूरी मिली, लेकिन जांच अभी भी जारी है।
क्या बैंक पर असर पड़ेगा?
किसी भी बड़े फ्रॉड की खबर से खाताधारकों में चिंता होना स्वाभाविक है। लेकिन इस मामले में PNB ने पहले ही 100% प्रोविजनिंग कर रखी थी, यानी बैंक ने अपने मुनाफे में से इतनी रकम अलग रख दी थी ताकि अगर पैसा वापस न भी मिले, तो बैंक की आर्थिक स्थिति पर कोई असर न पड़े। बैंक का प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) लगभग 97% है, जो यह दर्शाता है कि बैंक अब भी मजबूत स्थिति में है।
PNB और पुराने घोटाले का संबंध
PNB का नाम पहले भी बड़े घोटाले में आया था। 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से जुड़े Letter of Undertaking (LoU) घोटाले में बैंक हिल गया था। हालांकि, मौजूदा मामला इससे अलग है। यह कॉरपोरेट लोन फ्रॉड है, ट्रेड फाइनेंस नहीं। राहत की बात यह है कि बैंक ने समय रहते इसे पहचान लिया और नियामक संस्था को रिपोर्ट कर दिया।
शेयर बाजार पर प्रभाव
इस खबर से पहले PNB के शेयर में मामूली गिरावट देखी गई। हालांकि, पिछले तीन साल में बैंक के शेयर ने निवेशकों को 144% का रिटर्न दिया है।