Edited By Yaspal,Updated: 28 Apr, 2022 08:47 PM

हाथियों को रेल पटरियों से दूर रखने की रेलवे की योजना ‘ प्लान बी'' उम्मीद के अनुरूप नतीजे देने में असफल प्रतीत हो रही है, क्योंकि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 से अबतक 48 हाथी और 188 अन्य जानवरों की ट्रेन से कटकर जान जा चुकी है। अधिकारिक...
नई दिल्लीः हाथियों को रेल पटरियों से दूर रखने की रेलवे की योजना ‘ प्लान बी' उम्मीद के अनुरूप नतीजे देने में असफल प्रतीत हो रही है, क्योंकि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 से अबतक 48 हाथी और 188 अन्य जानवरों की ट्रेन से कटकर जान जा चुकी है। अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में सबसे अधिक 72 जानवरों की मौत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में हुई है जिसका मुख्यालय बिलासपुर में है। इसके अंतर्गत बिलासपुर, नागपुर और रायपुर डिविजन आते हैं। हालांकि, इस रेलवे जोन में उल्लेखित अवधि में किसी हाथी की मौत नहीं हुई है। इस अवधि में सबसे अधिक 17 हाथियों की मौत पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) में हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 के दौरान एनएफआर में चार हाथियों की, वर्ष 2020 में छह हाथियों की, वर्ष 2021 में पांच हाथियों और इस साल अबतक दो हाथियों की मौत पटरियों पर चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के दौरान रेलवे द्वारा सभी सेवाएं स्थगित किए जाने के बावजूद पटरियों पर हथियों की मौत नहीं रूकी। वर्ष 2020 के दौरान 16 हाथियों और 38 अन्य जानवरों की मौत पटरियों पर हुई जबकि वर्ष 2019 के दौरान 10 हाथियों की, वर्ष 2021 के दौरान 19 हाथियों की और इस साल फरवरी तक तीन हाथियों की मौत रेल पटरियों पर हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे ने वर्ष 2017 में हाथियों को पटरियों से दूर रखने के लिए अनूठे उपाय को अपनाने की शुरुआत की थी जिसे ‘ प्लान बी' कहा जाता है। इसमें मधुमक्खियों की आवाज को ध्वनि विस्तारक के जरिये बजाया जाता है। इन यंत्रों के जरिये हाथियों को मधुमक्खियों के भिनभिनाने जैसी आवाज पटरियों से करीब 600 मीटर दूरी तक सुनाई दे यह सुनिश्चित किया जाता है। रेलवे ने यह कदम वर्ष 1987 से 2010 के बीच पटिरयों पर जानवरों की मौत की संख्या में तेजी से हुई वृद्धि के बाद उठाया। आंकड़ों के मुताबिक इस 23 साल की अवधि में 150 हाथियों की मौत पटरियों को पार करते वक्त हुई जबकि वर्ष 2009 से 2017 की मात्र आठ साल की अवधि में ही 120 हाथियों की मौत रेल पटरियों पर हुई।