बारिश-बाढ़ और भूस्खलन से तबाही! सड़कें-पुल बहे...जम्मू-कश्मीर से लेकर हिमाचल तक कुदरत ने मचाया कहर

Edited By Updated: 27 Aug, 2025 05:55 AM

rain flood and landslide wreak havoc in north india

उत्तर भारत के बड़े हिस्सों विशेषरूप से हिमालयी क्षेत्रों में मंगलवार को लगातार बारिश ने कहर बरपाया जहां भूस्खलन हुए, निचले इलाकों में जलभराव हो गया और कई सड़कें व पुल बह गए। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश की वजह से रियासी जिले की त्रिकुटा...

नई दिल्लीः उत्तर भारत के बड़े हिस्सों विशेषरूप से हिमालयी क्षेत्रों में मंगलवार को लगातार बारिश ने कहर बरपाया जहां भूस्खलन हुए, निचले इलाकों में जलभराव हो गया और कई सड़कें व पुल बह गए। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश की वजह से रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते पर मंगलवार अपराह्न भूस्खलन हुआ जिसकी चपेट में आने से कम से सात लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। 

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इसके अलावा, जम्मू के डोडा जिले में बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश के कारण हिमालय से निकलने वाली नदियां और सहायक नाले उफना गए हैं। बांधों और बैराजों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा, जिससे निचले इलाकों, खासकर पंजाब में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई। खराब मौसम और अगले कुछ दिनों तक स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं दिखने के कारण पंजाब और जम्मू क्षेत्र में स्कूल बंद करने पड़े। 

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पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में दुकानों के ढह जाने, इमारतों के गिरने और राजमार्गों के टूटने की घटनाएं सामने आईं। राज्य में कुल 680 सड़कें बंद हो गईं, जिनमें मंडी और कुल्लू ज़िले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यह राज्य पहले ही कई भूस्खलनों और अचानक आई बाढ़ की तबाही झेल रहा है। हिमाचल प्रदेश में सोमवार शाम से पिछले 24 घंटे के दौरान 12 बार अचानक बाढ़ आई, भूस्खलन की दो बड़ी घटनाएं और बादल फटने की एक घटना दर्ज की गई है। लारगी बांध से 20,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार को ब्यास नदी का जलस्तर और बढ़ गया। इसकी तेज धारा ने मनाली-लेह राजमार्ग के 200 मीटर हिस्से को बहा दिया, जिससे मार्ग बंद हो गया और पर्यटक फंस गए। 

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हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ़ और मनाली को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया। प्रशासन ने लोगों को नदी तटों और भूस्खलन प्रभावित इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है। दिल्ली में बारिश के कारण कई इलाकों में भारी जाम और जलभराव हो गया, जिससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हुआ। राष्ट्रीय राजधानी में अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जहां सामान्य से करीब 60 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। जम्मू में दो दर्जन से अधिक मकान और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि लगभग सभी जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिससे कई निचले इलाके और सड़कें जलमग्न हो गई हैं। कटरा, उधमपुर और जम्मू रेलवे स्टेशन से आने-जाने वाली 18 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं जबकि आपदा के कारण ऑप्टिकल फाइबर क्षतिग्रस्त होने से केंद्र शासित प्रदेश में सभी सेवा प्रदाताओं के कॉल और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गईं हैं। 

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मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू संभाग के कई हिस्सों में स्थिति ‘‘काफी गंभीर'' है। जम्मू संभाग में खराब मौसम के कारण विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों में कांस्टेबल पद के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया मंगलवार को स्थगित कर दी गई, जबकि पूरे जम्मू संभाग के सभी स्कूलों को 27 अगस्त तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा भी स्थगित कर दी गई है। जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात स्थगित कर दिया गया है जबकि कई सड़कें भूस्खलन या अचानक बाढ़ के कारण अवरुद्ध हो गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं। किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से भी सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की खबरें मिली हैं। 

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अधिकारियों ने बताया कि माधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक को पार कर गया है और इसमें बढ़ोतरी हो रही है जिससे कठुआ जिले में रावी नदी के किनारे कई निचले इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई। पहलगाम की बेताब घाटी में शेषनाग ‘नाला' का जलस्तर अब तक के उच्चतम स्तर 5.68 फुट को पार कर गया है और यह 6.02 फुट पर बह रहा है। अधिकारियों के अनुसार, नदी के जल स्तर में अचानक वृद्धि से पता चलता है कि क्षेत्र के ऊपरी इलाकों में बादल फटने या बहुत भारी वर्षा हुई होगी। 

पंजाब के विभिन्न हिस्सों में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कपूरथला जिले में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। जबकि फिरोजपुर में लोगों ने विशेष रूप से नदी क्षेत्रों के किनारे बसे गांवों को खाली करना शुरू कर दिया है। पौंग और भाखड़ा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने तथा भारी बारिश होने के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों समेत बरसाती नदी-नालों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। फिरोजपुर जिले में पिछले दो दिन में 45 मिमी बारिश हुई है। शहरी क्षेत्र में भी स्थिति समान रूप से चिंताजनक हो गई हैं। कई सड़कें जलमग्न हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

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