राजधानी के 'सुरक्षा कवच' हुए रिटायर, मेट्रो पर नहीं आने दी कभी आंच

Edited By vasudha,Updated: 20 Nov, 2019 10:48 AM

rajdhani security shield 7 sniffer dogs retired

ये दिल्ली के सुरक्षा कवच थे, मेट्रो में जरा भी संदिग्ध गतिविधि नजर आती, या फिर संदेहास्पद गतिविधि, तो जेली, जेसी, लक्की, वीर और किटे अपनी मुस्तैदी से उसे सुलझा लेते थे...

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): ये दिल्ली के सुरक्षा कवच थे, मेट्रो में जरा भी संदिग्ध गतिविधि नजर आती, या फिर संदेहास्पद गतिविधि, तो जेली, जेसी, लक्की, वीर और किटे अपनी मुस्तैदी से उसे सुलझा लेते थे। ये प्रशिक्षित डॉगी इतने मजबूत थे कि जब से राजधानी में मेट्रो शुरु हुई है, तब से अब तक एक भी आतंकी घटना या फिर बड़ी वारदात नहीं होने दी। हम बात कर रहे हैं उन डॉग्स की जिन्होंने सीआईएसएफ के जवानों की तरह राजधानी के लोगों की सुरक्षा की। चूंकि अब इनकी उम्र हो चुकी है, नतीजतन इन्हें रिटायर किया जा रहा है। अब ये राजधानी की सुरक्षा कवच का हिस्सा नहीं, एक एनजीओ का हिस्सा बनेंगे। 

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ये स्नीफर डॉग इतने चतुर और मुस्तैद थे कि इनके रिटायर होने के बाद की कमी सीआईएसफ को भी खल रही है, जिसके चलते उन्होंने इन डॉग्स को बड़े ही सम्मान के साथ विदाई दी और उनके सम्मान में सामारोह भी किया। सेवानिवृत हुए ये सभी कुत्ते सीआईएसएफ की ओर से डीएमआरसी में दिए जाने वाले मल्टी डायमेंशनल सुरक्षा को चाक चौबंद बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। अपनी सेवा के दौरान इन सभी ने दर्जनों बार मेट्रो परिसर में होने वाले मॉक ड्रिल, परिचालन के दौरान संदिग्ध सामानों की जांच, मेट्रो परिसर में मिले लावारिस सामानों की जांच जैसे काम को सफलता पूर्वक पूरा किया है। इन सात कुत्तों में से वीर और लवली पिछले नौ सालों से, किटे, जेली, जेसी, लक्की सात सालों से और हिना दो साल से अपनी सेवाएं दे रहे थे। इन सभी अपनी सेवा का समय पूरा करने के बाद छह माह के लिए सीआईएसएफ के गाजियाबाद स्थित फिफ्थ रिजर्व बटालियन स्थित ब्रिडिंग ट्रेनिंग सेंटर में रखा गया था। 

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हिना
2017 में बेसिक ट्रेनिंग के बाद मेट्रो के सभी लाइन में अपनी सेवा दी है। इस दौरान सीआईएसएफ द्वारा संचालित किए गए 22 मॉक ड्रिल को सफलता पूर्वक पूर्ण करने में इसकी अहम भूमिका रही। करीब 17 लावारिस व संदिग्ध पाए जाने पर बम स्क्वायड से पहले पहुंचकर बता दिया कि यह बम नहीं।


जेसी
यह 2012 से दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में तैनात है। इस दौरान सबी लाइनों पर सेवा दी है। अपनी 7 साल की सेवा के दौरान पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्वाट टीम के साथ हुए 64 मॉक ड्रिल में रहा शामिल। इस दौरान 31 लावारिस व संदिग्ध सामानों के पाए जाने की कॉल पर डॉग स्क्वायड ने पहले सूंघ कर ही बताया सुरक्षित।


लवली
जुलाई 2010 से मेट्रो की सुरक्षा में तैनात है। इस दौरान सबी लाइनों पर सेवा दी है। अपनी सेवा के दौरान कुल 81 मॉक ड्रिल को सफलता पूर्वक पूरा किया। करीब 50 से अधिक ऐसी घटनाएं जहां लवली की सहायता से मेट्रो स्टेशन पर मिले संदिग्ध सामानों को ढूंढ निकाला गया।

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जेली
इसने दिल्ली से पहले मुम्बई एयरपोर्ट पर भी सेवा दी है। इसने दिल्ली के दो मेट्रो स्टेशनों में मॉक ड्रिल में अहम भूमिका निभाई। दो मेट्रो स्टेशन पर बम की हॉक्स कॉल पर किया काम, बम स्क्वायाड से पहले दी क्लीन चिट।


वीर
यह डॉगी 2010 से दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में तैनात था। इस दौरान सभी लाइनों पर सेवा दी है। अपनी 9 साल की सेवा के दौरान पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्वाट टीम के साथ हुए 85 मॉक ड्रिल में रहा शामिल। इस दौरान 56 लावारिस व संदिग्ध सामानों के पाए जाने की कॉल पर डॉग स्क्वायड ने पहले सूंघ कर ही उसे सुरक्षित करार दिया।


किटे
तीन मेट्रो स्टेशनों की बम की कॉल आई,जिसे इस कुत्ते ने केवल सूंघ कर बता दिया कि यहां बम नहीं। दो संदिग्ध बैगों की पकड़ इसने सराय रोहिल्ला में की, जिसमें तस्करी का सामान था। दो स्टेशनों पर गांजा लावारिस बैगों को छिपे स्थान से खोजा।


लक्की
यह 2012 से दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में तैनात है। इस दौरान सभी लाइनों पर सेवा दी है। इस दौरान 56 लावारिस व संदिग्ध सामानों के पाए जाने की कॉल पर डॉग स्क्वायड से पहले सूंघ कर ही बताया सुरक्षित। पेट्रोलिंग के दौरान मेट्रो में चोरी की वारदात को अंजाम दे भाग रहे बदमाश को मौके पर ही दबोच लिया था।

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