Edited By Rohini Oberoi,Updated: 04 Dec, 2025 10:09 AM

यह कहानी है महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले में स्थित एक ऐसे अनोखे गांव शेतपाल (Shetpal) की जहां ज़हरीले सांप (Poisonous Snakes) खास तौर पर कोबरा (Cobra) घर के सदस्यों या पालतू जानवरों की तरह रहते हैं। इस गांव के लोगों के लिए सांप डर नहीं बल्कि आस्था,...
नेशनल डेस्क। यह कहानी है महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले में स्थित एक ऐसे अनोखे गांव शेतपाल (Shetpal) की जहां ज़हरीले सांप (Poisonous Snakes) खास तौर पर कोबरा (Cobra) घर के सदस्यों या पालतू जानवरों की तरह रहते हैं। इस गांव के लोगों के लिए सांप डर नहीं बल्कि आस्था, संस्कृति और सह-अस्तित्व (Co-existence) का प्रतीक हैं।
हर घर में सांपों के लिए खास जगह
शेतपाल की जीवनशैली इतनी अनूठी है कि यह पूरे देश को चौंकाती है। गांव वाले अपने घरों में सांपों के आराम करने के लिए एक खास जगह बनाते हैं। सांप यहां उतने ही आराम से घूमते हैं जितने किसी सामान्य घर में पालतू जानवर। यदि कोई सांप किचन या बेडरूम में घुस जाता है तो कोई भी ग्रामीण घबराता नहीं है।

बच्चे और कोबरा एक साथ खेलते हैं
शेतपाल की सबसे खास और चौंकाने वाली बात यह है कि यहां के बच्चे और सांप एक साथ खेलते हैं। यहां का हर बच्चा छोटी उम्र से ही कोबरा को प्यार से संभालना और उनकी इज्जत करना सीख जाता है। बच्चे खेलते समय सांप को पकड़ लेते हैं और उनके साथ साथियों जैसा ही बर्ताव करते हैं। यह ज्ञान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दिया जाता है कि सांप के पास सुरक्षित तरीके से कैसे जाया जाए।

कम होती हैं सांप काटने की घटनाएं
जहरीले सांपों की चौबीसों घंटे मौजूदगी के बावजूद इस गांव में सांप के काटने की घटनाएं (Snakebite Incidents) काफी कम होती हैं। गांव वालों का मानना है कि वे सांप की इज्जत करते हैं इसलिए सांप उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते। इस गांव में सांप का गहरा धार्मिक महत्व है। यहां भगवान शिव (Lord Shiva) की गहरी भक्ति है जिसके कारण कोबरा की पूजा काफी श्रद्धा से की जाती है। यह अनोखा लाइफस्टाइल पूरे भारत में टूरिस्टों, रिसर्चरों और नाग विशेषज्ञों (Snake Experts) को अपनी तरफ खींचता है। यह गांव रोमांच और विरासत का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।