Edited By Anu Malhotra,Updated: 10 Oct, 2024 11:31 AM
रतन टाटा का सादगी और विनम्रता से भरा जीवन हमेशा से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। लेकिन एक घटना ने उनके पशु प्रेम और अपने पालतू कुत्ते के प्रति उनकी भावनाओं को और गहराई से उजागर किया। टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा को उनके महान कार्यों के लिए...
नेशनल डेस्क: रतन टाटा का सादगी और विनम्रता से भरा जीवन हमेशा से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। लेकिन एक घटना ने उनके पशु प्रेम और अपने पालतू कुत्ते के प्रति उनकी भावनाओं को और गहराई से उजागर किया। टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा को उनके महान कार्यों के लिए कई बार सम्मानित किया गया, लेकिन एक बार उन्होंने अपने बीमार कुत्ते की देखभाल के लिए प्रिंस चार्ल्स से मिलने और अवॉर्ड लेने से मना कर दिया था।
यह घटना बताती है कि रतन टाटा न सिर्फ अपने कर्मचारियों और समाज के प्रति संवेदनशील थे, बल्कि अपने पालतू जानवरों के प्रति भी बेहद भावुक थे। अपने कुत्ते के इलाज और उसकी सेहत को प्राथमिकता देना उनके सरल, मानवीय और संवेदनशील व्यक्तित्व का उदाहरण है।
दरअसल, साल 2018 में उन्होंने अपने बीमार कुत्ते की वजह से उन्होंने यूके के प्रिंस चार्ल्स से लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया था। 2018 में ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में रतन टाटा को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था। यह समारोह 6 फरवरी को बकिंघम पैलेस में होने वाला था और रतन टाटा ने इसमें शामिल होने की सहमति भी दे दी थी। लेकिन आखिरी समय में उनके पालतू कुत्ते की तबीयत खराब हो गई, जिसके चलते उन्होंने यूके जाने से मना कर दिया।
सुहेल सेठ ने साझा किया था यह किस्सा
भारतीय बिजनेसमैन और अभिनेता सुहेल सेठ ने यह किस्सा साझा किया था। उन्होंने बताया कि जब वह लंदन पहुंचे, तो रतन टाटा के 11 मिस्ड कॉल देखकर चौंक गए। जब उन्होंने रतन टाटा से संपर्क किया, तो टाटा ने उन्हें बताया कि उनके कुत्ते टैंगो और टीटो में से एक की तबीयत खराब हो गई है, और वह उसे छोड़कर नहीं जा सकते।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुहेल सेठ ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन रतन टाटा अपने निर्णय पर अडिग रहे। प्रिंस चार्ल्स को जब इस बारे में पता चला, तो उन्होंने भी रतन टाटा की प्राथमिकताओं की सराहना की।
जानवरों के लिए अस्पताल भी खोला
रतन टाटा का जानवरों के प्रति प्रेम केवल उनके पालतू जानवरों तक ही सीमित नहीं था। हाल ही में उन्होंने नवी मुंबई में जानवरों के लिए एक 5 मंजिला अस्पताल खोला था, जिसमें 200 पालतू जानवरों का इलाज किया जा सकता है। यह अस्पताल 165 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है, और रतन टाटा ने इसे खोलते समय कहा था कि कुत्ते उनके परिवार का हिस्सा हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई पालतू जानवर पाले हैं और इसीलिए उन्हें इस अस्पताल की अहमियत पता है।