Edited By Yaspal,Updated: 13 Jan, 2020 09:48 PM
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक और सहकारी बैंक पर अपना शिकंजा कस दिया है। बंगलुरू स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक पर आरबीआई ने कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। बैंक के ग्राहक केवल 35 हजार...
बिजनेस डेस्कः पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक और सहकारी बैंक पर अपना शिकंजा कस दिया है। बंगलुरू स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक पर आरबीआई ने कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। बैंक के ग्राहक केवल 35 हजार रुपए खाते से निकाल सकेंगे। निजी क्षेत्र का यह बैंक अगले छह महीने तक आरबीआई की अनुमति के बिना कोई नया लोन भी नहीं दे सकता है। साथ ही बिना अनुमति वह इस दौरान कोई निवेश भी नहीं कर सकता है।
आरबीआई बोली-नहीं किया लाइसेंस रद्द
आरबीआई ने हालांकि बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया है। 10 जनवरी से काम-काज बंद होने के बाद से बैंक पर ये पाबंदियां लागू हैं। बैंक में स्थित किसी भी तरह के खाते में जमा रकम से खाताधारक केवल 35 हजार रुपये निकाल सकेंगे। हालांकि आरबीआई ने यह नहीं बताया है कि पैसा निकालने की समय-सीमा क्या है। आरबीआई ने बैंकिंग नियमन कानून 1949 की धारा 35ए का इस्तेमाल करते हुए यह पाबंदियां लगाई हैं।
हो सकता है बड़ा घोटाला
पीएमसी की तरह इस बैंक में भी बड़ा घोटाला हो सकता है। पीएमसी बैंक पर आरबीआई की पाबंदी लगने के बाद पैसे की तंगी होने से कई ग्राहकों ने आत्महत्या कर ली थी। सितंबर में बैंक में 4355 करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ में आने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने खातों से अधिक पैसा निकालने पर रोक लगा दी थी। बैंक के करीब 16 लाख खाताधारक हैं।