हो जाइए सावधान! अब लोन ना चुकाने पर आपका फोन हो जाएगा लॉक, RBI लाने जा रहा नया नियम

Edited By Updated: 11 Sep, 2025 10:42 PM

rbi plans remote mobile locking for small loan recovery

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) छोटे लोन की वसूली के लिए कर्जदाताओं को मोबाइल फोन दूर से लॉक करने का अधिकार देने की योजना बना रहा है। नए नियमों में कर्जदाता को उधारकर्ता की सहमति लेना अनिवार्य होगा और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम बढ़ते एनपीए...

नेशनल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कर्जदाताओं को छोटे लोन की वसूली के लिए एक अभूतपूर्व अधिकार देने की योजना बना रहा है। नए नियमों के तहत, कर्जदाता उन उधारकर्ताओं के मोबाइल फोन को दूर से लॉक कर सकेंगे जो छोटे-मूल्य के लोन चुकाने में असमर्थ होंगे। इस कदम का उद्देश्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बढ़ते गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) को कम करना है, लेकिन इससे उपभोक्ता अधिकारों और डेटा गोपनीयता को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।

लोन पर खरीदे जाते हैं एक-तिहाई इलेक्ट्रॉनिक्स
होम क्रेडिट फाइनेंस के 2024 के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में एक-तिहाई से अधिक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, खासकर मोबाइल फोन, छोटे-मूल्य के लोन पर खरीदे जाते हैं। टेलीकॉम नियामक (TRAI) के आंकड़ों के मुताबिक, 1.4 अरब की आबादी वाले भारत में 1.16 अरब से अधिक मोबाइल कनेक्शन हैं, जो मोबाइल की गहरी पहुंच को दर्शाता है।

फोन लॉक, लेकिन डेटा सुरक्षा का वादा
सूत्रों के अनुसार, पिछले साल 2024 में आरबीआई ने कर्जदाताओं को डिफॉल्ट करने वाले उधारकर्ताओं के फोन लॉक करने की प्रथा पर रोक लगा दी थी। इस प्रक्रिया में लोन जारी करते समय उधारकर्ता के फोन में एक ऐप इंस्टॉल किया जाता था, जो डिफॉल्ट होने पर डिवाइस को लॉक कर देता था। हालांकि, कर्जदाताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद, आरबीआई अब अपने फेयर प्रैक्टिस कोड को अपडेट करने की तैयारी में है। अगले कुछ महीनों में नए दिशानिर्देश जारी हो सकते हैं, जो निम्नलिखित सुनिश्चित करेंगे:

कर्जदाताओं को फोन लॉक करने से पहले उधारकर्ता की सहमति लेना अनिवार्य होगा।

लॉक किए गए फोन पर मौजूद व्यक्तिगत डेटा तक कर्जदाताओं की पहुंच या दुरुपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।

एक सूत्र ने बताया, "आरबीआई चाहता है कि कर्जदाता छोटे-मूल्य के लोन की वसूली कर सकें और साथ ही ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।" हालांकि, आरबीआई के प्रवक्ता ने इस मामले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।

कर्जदाताओं को फायदा, उपभोक्ताओं में चिंता
नए नियम लागू होने पर उपभोक्ता वस्तुओं के लिए लोन देने वाली प्रमुख कंपनियों जैसे बजाज फाइनेंस, डीएमआई फाइनेंस और चोलमंडलम फाइनेंस को लाभ हो सकता है। ये कंपनियां उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के लिए 85% लोन प्रदान करती हैं। क्रेडिट ब्यूरो CRIF हाईमार्क के अनुसार, 1 लाख रुपये से कम के लोन में डिफॉल्ट का जोखिम सबसे अधिक है।

हालांकि, उपभोक्ता अधिकार संगठनों ने इस कदम को लेकर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि फोन लॉकिंग से डिजिटल पहुंच और गोपनीयता पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कर्ज वसूली को आसान बना सकता है, लेकिन इसके लिए सख्त डेटा सुरक्षा उपायों और पारदर्शी प्रक्रियाओं की जरूरत होगी।

चुनौतीपूर्ण संतुलन की राह
आरबीआई का यह प्रस्ताव कर्जदाताओं की वसूली शक्ति को बढ़ाने और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। विशेषज्ञों का कहना है कि फोन लॉकिंग जैसे नवाचार उपभोक्ता वित्त क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं, लेकिन इसके लिए मजबूत नियामक ढांचा और उपभोक्ता जागरूकता जरूरी है। इस नियम के लागू होने से पहले व्यापक परामर्श और स्पष्ट दिशानिर्देशों की उम्मीद की जा रही है।

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