Edited By Tanuja,Updated: 25 Dec, 2025 11:46 AM

सोशल मीडिया पर चीन के कथित ‘नीडल रेन बम’ को लेकर दावे भ्रामक हैं। किसी भी आधिकारिक या विश्वसनीय सैन्य स्रोत ने ऐसे हथियार की पुष्टि नहीं की है। यह मनोवैज्ञानिक युद्ध और डर फैलाने का हिस्सा है। भारत को तथ्य, तकनीक और रणनीति से जवाब देना होगा।
International Desk: हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज दावा तेजी से वायरल हो रहा है कि चीनी सेना (PLA) के पास एक खतरनाक स्मार्ट हथियार है, जिसे “Needle Rain Bomb” कहा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह हथियार जमीन के नीचे छिपे सैनिकों, खाइयों और बंकरों में मौजूद लोगों को भी खत्म कर सकता है और “पूर्व की ओर देखने पर कहीं छिपने की जगह नहीं बचेगी”। दावा किया जा रहा है कि यह हथियार ज़मीन के नीचे छिपे, बंकरों और खाइयों में मौजूद दुश्मनों को भी निशाना बनाने की क्षमता रखता है। सैन्य विश्लेषकों के मुताबिक, यह हथियार पारंपरिक बमों से अलग है और आधुनिक युद्ध की परिभाषा बदल सकता है।
आधिकारिक पुष्टि पर सवाल
हालांकि, यह साफ़ करना ज़रूरी है कि चीनी सरकार या पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की ओर से ‘नीडल रेन बम’ की क्षमताओं को लेकर कोई विस्तृत सार्वजनिक तकनीकी दस्तावेज़ जारी नहीं किया गया है। कई रक्षा विशेषज्ञ इसे मनोवैज्ञानिक दबाव और सैन्य शक्ति प्रदर्शन की रणनीति का हिस्सा भी मानते हैं। अगर ऐसे हथियार सक्रिय रूप से तैनात किए जाते हैं, तो इससे पूर्वी एशिया, ताइवान स्ट्रेट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य संतुलन पर असर पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे हथियारों के मानवीय प्रभाव और युद्ध कानूनों को लेकर भी बहस तेज़ हो सकती है।चीन के रक्षा मंत्रालय, PLA की आधिकारिक सैन्य पत्रिकाएं, Jane’s Defence, SIPRI, IISS, और संयुक्त राष्ट्र हथियार रजिस्टर किसी भी विश्वसनीय या आधिकारिक स्रोत में ‘Needle Rain Bomb’ नाम के हथियार का कोई उल्लेख नहीं है।
पुराने क्लस्टर म्यूनिशन से गढ़ा दावा
विशेषज्ञों के अनुसार, यह दावा पुराने क्लस्टर म्यूनिशन, फ्लीशेट (flechette) हथियारों और साइंस-फिक्शन शैली के वीडियो को जोड़कर गढ़ा गया है। ऐसे हथियार पहले वियतनाम युद्ध या कुछ सीमित प्रयोगों में देखे गए ोथे, लेकिन वे अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में आते हैं और बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित हैं और आज के आधुनिक युद्ध में प्रभावी नहीं माने जाते। “Needle Rain Bomb” नाम के किसी चीनी हथियार के अस्तित्व की पुष्टि किसी भी प्रामाणिक या आधिकारिक स्रोत से नहीं होती।अब तक AP, Reuters, BBC, Al Jazeera, Pentagon रिपोर्ट, SIPRI, IISS या चीनी सरकारी रक्षा दस्तावेज़ों में ऐसा कोई हथियार दर्ज नहीं है। इसलिए इस नाम से जुड़ा दावा सोशल मीडिया आधारित, अप्रमाणित और भ्रामक माना जाता है।
असल खतरा हथियार नहीं, अफवाह
यह पूरा नैरेटिव Psychological Warfare (मनोवैज्ञानिक युद्ध) का हिस्सा माना जा रहा है। दुश्मन को डराना, अपनी ताकत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना और सोशल मीडिया के जरिए रणनीतिक भ्रम फैलाना इसका असली मकसद माना जा रहा है। भारतीय रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी अफवाहें भारत को भटकाने के लिए फैलाई जाती हैं, जबकि भारत को तकनीकी क्षमता, सैटेलाइट निगरानी, मिसाइल डिफेंस और सैनिक तैयारी पर फोकस रखना चाहिए।दरअसल ‘Needle Rain Bomb’ एक प्रमाणहीन दावा है कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं। डर फैलाने का डिजिटल हथियार ज्यादा खतरनाक है। सोशल मीडिया पर चीन के कथित ‘नीडल रेन बम’ को लेकर दावे भ्रामक हैं। किसी भी आधिकारिक या विश्वसनीय सैन्य स्रोत ने ऐसे हथियार की पुष्टि नहीं की है। यह मनोवैज्ञानिक युद्ध और डर फैलाने का हिस्सा है। भारत को तथ्य, तकनीक और रणनीति से जवाब देना होगा।