स्कूल की गैलरी से कूद कर 9 साल की बच्ची की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा...मासूम ने इसलिए दी थी जान, एक साल से...

Edited By Updated: 08 Nov, 2025 08:43 AM

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जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में हुई 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की मौत ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। परिवार का कहना है कि बच्ची लंबे समय से अपने साथियों की बुलीइंग (उत्पीड़न) से परेशान थी, लेकिन जब उसकी शिकायत शिक्षक तक पहुंचाई गई, तो उसे अनदेखा...

नेशनल डेस्क:  जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में हुई 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की मौत ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। परिवार का कहना है कि बच्ची लंबे समय से अपने साथियों की बुलीइंग (उत्पीड़न) से परेशान थी, लेकिन जब उसकी शिकायत शिक्षक तक पहुंचाई गई, तो उसे अनदेखा कर दिया गया।

चौथी मंज़िल से छलांग, CCTV में दर्ज हुई दिल दहला देने वाली घटना
1 नवंबर को हुई इस घटना में, अमायरा ने स्कूल की चौथी मंज़िल से करीब 48 फीट की ऊंचाई से छलांग लगा दी। हादसा स्कूल के CCTV कैमरे में दर्ज हुआ, जिसमें वह रेलिंग पर चढ़ती और कुछ ही पलों में नीचे गिरती दिखी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

बेटी कहती थी- मम्मी, वे मुझे चिढ़ाते हैं
अमायरा की मां शिवानी ने कहा कि उन्होंने बेटी की परेशानी को कई बार स्कूल तक पहुंचाया था। उन्होंने भावुक होकर बताया, मैंने क्लास टीचर को बताया कि मेरी बच्ची को लगातार परेशान किया जा रहा है। पर उन्होंने कहा कि ये बच्चों की सामान्य हरकतें हैं। किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। पिता विजय ने एक पुरानी घटना साझा करते हुए कहा, पैरेंट्स-टीचर मीटिंग में मैंने देखा कि एक लड़का मेरी बेटी को देखकर इशारे कर रहा था। जब मैंने क्लास टीचर से पूछा, तो उन्होंने कहा— ये को-एड स्कूल है, बच्ची को समझना चाहिए। 

घटना वाले दिन चार बार शिकायत लेकर पहुंची थी
परिवार का दावा है कि घटना वाले दिन अमायरा चार बार शिक्षिका के पास गई थी। CCTV फुटेज में वह हर बार शिक्षक से बात करती दिखती है, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। कुछ देर बाद वह चौथी मंज़िल की ओर बढ़ी और वहां से छलांग लगा दी। परिजनों का कहना है कि बच्ची लगभग एक साल से अपने सहपाठियों की बुलीइंग झेल रही थी और बार-बार शिकायतें करने के बावजूद स्कूल प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

जहां वो गिरी, वहां सब साफ कर दिया गया था
पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो उन्हें वह जगह साफ़ मिली जहां अमायरा गिरी थी। परिवार का आरोप है कि खून के निशान मिटाए गए, ताकि घटना की सच्चाई छिपाई जा सके। इससे शक और गहरा गया है कि स्कूल प्रशासन कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है। परिजनों ने स्कूल प्रशासन और शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उनका कहना है कि यह हादसा नहीं, बल्कि एक संदिग्ध मृत्यु है, जिसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

अभिभावक संघ का आरोप — सबूत नष्ट किए जा रहे हैं
जॉइंट पैरेंट्स एसोसिएशन राजस्थान ने भी स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा, हमने बच्ची के परिजनों और कुछ छात्रों से बात की। यह साफ है कि अमायरा को 1-2 साल से लगातार परेशान किया जा रहा था। स्कूल प्रबंधन ने न केवल शिकायतों को दबाया बल्कि अब साक्ष्य मिटाने की भी कोशिश की जा रही है।

स्कूल की चुप्पी से बढ़ रहे सवाल
घटना को एक सप्ताह हो चुका है, लेकिन नीरजा मोदी स्कूल की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। परिजन और स्थानीय अभिभावक संगठन स्कूल की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
 

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