Edited By Mansa Devi,Updated: 09 Oct, 2025 06:10 PM

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के खिलाफ बिहार में राजद और कांग्रेस द्वारा एक भी अपील दाखिल नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि राहुल गांधी का ‘वोट चोरी' का आरोप और एसआईआर (मतदाता सूची का...
नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के खिलाफ बिहार में राजद और कांग्रेस द्वारा एक भी अपील दाखिल नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि राहुल गांधी का ‘वोट चोरी' का आरोप और एसआईआर (मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान) के खिलाफ उनका अभियान ‘फ्लॉप शो' साबित हुआ है, जिसे उनके अपने गठबंधन ने खारिज कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप को ‘खारिज' कर दिया है।
यह बात बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा यह घोषणा करने के एक दिन बाद सही साबित हो गई है कि राज्य भर के जिला प्रशासनों को नयी मतदाता सूची से हटाए गए या उसमें जोड़े गए नामों के खिलाफ एक भी अपील प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गांधी के अभियान की पोल खोल दी है। उन्होंने झूठा प्रचार किया और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध किया। अब उनके अपने गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें इस प्रक्रिया में कोई खामी नहीं मिली।''
भंडारी ने अपनी पार्टी के इस आरोप को दोहराया कि राहुल गांधी के अभियान का उद्देश्य घुसपैठियों को बचाना था। उन्होंने कांग्रेस नेता के आंदोलन में शामिल होने के लिए राजद नेता तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि अब राहुल गांधी बिहार चुनावों के बीच विदेश में हैं क्योंकि वह अपने गठबंधन कार्यकर्ताओं की नजर में भी असफल साबित हुए हैं। भाजपा प्रवक्ता ने मांग की कि गांधी और यादव को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस नेता घुसपैठियों का समर्थन करने वाला रुख अपनाने में किसी ‘विदेशी रिमोट कंट्रोल' से प्रेरित थे।
उन्होंने कहा कि उनका पूरा अभियान झूठ और छल से भरा था। उन्होंने कहा कि विपक्षी कार्यकर्ताओं को एहसास हो गया है कि बिहार के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘2 एन' के विकास एजेंडे के साथ हैं। भंडारी ने यह भी कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कथित तौर पर अपनी ‘वोट बैंक की राजनीति' के कारण मुंबई आतंकवादी हमले के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार द्वारा पाकिस्तान पर हमला न करने के फैसले के पीछे थीं। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के एक साक्षात्कार में की गई टिप्पणी का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि 2008 के भीषण हमले के बाद सरकार के सदस्य पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के समर्थक थे, लेकिन कथित तौर पर सोनिया गांधी ने इसे खारिज कर दिया था। भंडारी ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सोनिया उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से ज्यादा शक्तिशाली थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार का आतंकवाद के प्रति नरम रुख़ अपनाने का इतिहास रहा है।