Edited By Pardeep,Updated: 23 Dec, 2025 03:04 AM

हिमाचल प्रदेश के पांगी इलाके से सामने आई तस्वीरें बेहद शर्मनाक और चिंताजनक हैं। यहां पवित्र चंद्रभागा नदी में खुलेआम कचरा डाला जा रहा है। यह वही इलाका है, जो वन्यजीव अभयारण्य (वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी) के अंतर्गत आता है। इसके बावजूद पर्यावरण नियमों की...
नेशनल डेस्कः हिमाचल प्रदेश के पांगी इलाके से सामने आई तस्वीरें बेहद शर्मनाक और चिंताजनक हैं। यहां पवित्र चंद्रभागा नदी में खुलेआम कचरा डाला जा रहा है। यह वही इलाका है, जो वन्यजीव अभयारण्य (वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी) के अंतर्गत आता है। इसके बावजूद पर्यावरण नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है।
हर दिन 1,000 टन से ज्यादा कचरा पैदा करता है हिमाचल
आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में हर दिन 1,000 टन से ज्यादा ठोस कचरा (Solid Waste) पैदा होता है। इसमें बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा भी शामिल है। अध्ययनों से पता चला है कि पहाड़ी राज्यों में पैदा होने वाला 30 से 40 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा सही निपटान व्यवस्था न होने की वजह से सीधे नदियों में पहुंच जाता है।
पहाड़ों से बहता जहर, पूरे देश तक असर
जब प्लास्टिक और अन्य कचरा पहाड़ी नदियों में जाता है, तो वह सिर्फ वहीं नहीं रुकता। यह पानी के साथ नीचे की ओर बहता है। नदियों का पानी दूषित करता है। मिट्टी और खेती को नुकसान पहुंचाता है, जंगली जानवरों और जलीय जीवों के लिए खतरा बनता है और आखिरकार इंसानों की फूड चेन तक पहुंच जाता है। इसका असर सिर्फ हिमाचल ही नहीं, बल्कि उन सभी राज्यों पर पड़ता है जहां ये नदियां आगे बहती हैं।
पवित्र नदी, आस्था और प्रकृति पर हमला
चंद्रभागा नदी को स्थानीय लोग पवित्र मानते हैं। ऐसे में इसमें कचरा डालना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि आस्था, संस्कृति और धार्मिक भावनाओं का भी अपमान है। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ प्रदूषण नहीं, बल्कि पर्यावरण, विश्वास और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का विनाश है।
चेतावनियों और विरोध के बावजूद प्रशासन खामोश
सबसे चिंताजनक बात यह है कि पहले भी कई बार चेतावनियां दी जा चुकी हैं। जनता में नाराजगी और आक्रोश साफ नजर आ चुका है। सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर विरोध भी हुआ है। इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई ठोस और दिखाई देने वाली कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
सवालों के घेरे में सिस्टम
पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि
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वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में कचरा कैसे फेंका जा रहा है?
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कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी किसकी है?
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दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
लोगों की मांग है कि तुरंत
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कचरा फेंकने पर सख्त रोक लगे
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जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो
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और पहाड़ी इलाकों के लिए अलग और मजबूत वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जाए।
सिर्फ आज नहीं, कल को बचाने की लड़ाई
यह मुद्दा सिर्फ आज की समस्या नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के पानी, पर्यावरण और जीवन से जुड़ा सवाल है। अगर अभी भी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो इसके नतीजे बहुत गंभीर और लंबे समय तक असर डालने वाले होंगे।