Edited By Parveen Kumar,Updated: 23 Dec, 2025 01:43 AM

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं और दावा किया कि देश के संस्थागत ढांचे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पूरी तरह से कब्जा हो गया है, लेकिन विपक्ष को इसका मुकाबला करने के लिए...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं और दावा किया कि देश के संस्थागत ढांचे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पूरी तरह से कब्जा हो गया है, लेकिन विपक्ष को इसका मुकाबला करने के लिए रास्ता निकालना होगा। जर्मनी की राजधानी बर्लिन के हार्टी स्कूल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में उन्होंने आरोप लगाया कि खुफिया एजेंसियों, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को हथियार में तब्दील कर दिया गया है। राहुल गांधी ने इस संवाद कार्यक्रम का एक वीडियो सोमवार को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया। उन्होंने कहा, "हम भारत में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठा रहे हैं... हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर चौतरफा हमला हो रहा है।" उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि हरियाणा की मतदाता सूची में ब्राजील की मॉडल का नाम 22 जगह पर था।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "हम जो सवाल उठा रहे हैं उसका जवाब निर्वाचन आयोग की तरफ से नहीं मिल रहा है।" उन्होंने कहा कि भारत में चुनावी मशीनरी में कुछ बुनियादी समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया, "संस्थागत ढांचे पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया गया है, जब आप हमारी खुफिया एजेंसियों, सीबीआई और ईडी को देखते हैं तो पाते हैं कि इन्हें पूरी तरह से हथियार में तब्दील कर दिया गया है।" गांधी ने कहा, "देखिए, भाजपा के लोगों के खिलाफ ईडी और सीबीआई के कितने मामले हैं? जवाब यह होगा कि एक भी नहीं।" उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर मामले विपक्ष के लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। उनका कहना था, "अगर आप बड़े उद्योगपति हैं और कांग्रेस का सहयोग करने का इरादा रखते हैं, तो आपको धमकाया जाएगा। ईडी सीबीआई आ जाएगी।"
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भारत में इस तरह का माहौल है कि संस्थाओं को जिस तरह का काम करना चाहिए वह नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा भारत के संस्थागत ढांचे को अपने ढांचे के तौर पर देखती है जबकि कांग्रेस ऐसा नहीं देखती, क्योंकि उसने इन संस्थाओं का निर्माण किया है। उन्होंने चुनावी चंदे का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा के पास कांग्रेस की तुलना में बहुत ज्यादा पैसे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, "विपक्ष के रूप में हमें स्थिति का मुकाबला करने के लिए रास्ता निकालना होगा... लेकिन आपको समझना होगा कि हम सिर्फ भाजपा से नहीं लड़ रहे हैं, हम भारतीय संस्थागत ढांचे पर हुए उसके कब्जे से भी लड़ रहे हैं।"
गांधी ने दिल्ली और भारत के कुछ अन्य बड़े शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति से जुड़े सवाल पर कहा कि उत्पादन और प्रदूषण में कोई विरोधाभास नहीं है, सिर्फ यह मायने रखता है कि आप किस तरह के ईंधन का इस्तेमाल कर रहे हैं, आप उत्पादन के लिए किस तरह की ऊर्जा का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा, "जो हमारे बड़े शहरों में प्रदूषण है उसका निदान उचित सरकारी हस्तक्षेप के माध्यम किया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि जर्मनी में बहुत उत्पादन होता है लेकिन यहां की हवा स्वच्छ है। कांग्रेस नेता ने इजराइल से जुड़े सवाल पर कहा, "हम कई देशों से हथियार खरीदते हैं, हम इजराइल से भी खरीदते हैं, रूस से भी खरीदते हैं और अमेरिका से भी खरीदते हैं। मुश्किल हालात में हमें अपनी रक्षा करनी ही पड़ेगी...हमास ने जो किया था वह पूरी तरह गलत था और उसके बाद जो इजराइल ने किया वह भी गलत था। महिलाओं और बच्चों पर बमबारी नहीं होनी चाहिए थी।" उन्होंने कहा कि प्रयाप्त संख्या में लोगों को रोजगार देने के लिए उत्पादन पर जोर देना होगा।
गांधी ने कहा, "भारत, अमेरिका और जर्मनी जैसे देश सिर्फ सेवा क्षेत्र के आधार पर अपने लोगों को रोजगार नहीं दे सकते। रोजगार के लिए विनिर्माण आधारित व्यवस्था बनानी होगी, उत्पादन करना होगा। लेकिन हमने सब कुछ चीन के हाथों में सौंप दिया है।" उन्होंने कहा, "चीन ने दुनिया को यह दिखाया है कि गैर-लोकतांत्रिक माहौल में भी उत्पादन किया जा सकता है, लेकिन हमें दुनिया के सामने यह साबित करना है कि लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन किया जा सकता है।" उन्होंने जोर देते हुए कहा, "मेरा मानना है कि अगर हम उत्पादन नहीं कर पाए तो लोकतांत्रिक देश का चलना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि आप उत्पादन के बिना उस तादाद में रोजगार नहीं दे सकते, जिसकी जरूरत है।"
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यूरोप और भारत में जिस तरह की समस्याएं देखी जा दी हैं, ध्रुवीकरण की राजनीति हो रही है, वह सिर्फ इसलिए है कि "हम अपने लोगों को रोजगार नहीं दे पा रहे हैं।" उनका कहना था कि भारत में उत्पादन करने की क्षमता है भारत में उत्पादन के लिए आबादी है, लेकिन दुर्भाग्य से उत्पादन नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप के साथ भारत की किसी भी साझेदारी में यह जरूरी होना चाहिए कि लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन की बात भी शामिल हो।