15 जुलाई को शुभांशु शुक्ला की धरती पर होगी वापसी, लेकिन आएंगे कैसे, कौन सा रॉकेट, क्‍या होगी स्‍पीड, जाने सबकुछ

Edited By Updated: 13 Jul, 2025 07:22 PM

shubanshu shukla return axiom4 iss spacecraft landing 2025

भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जो एक्सियम स्पेस के Axiom-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर गए थे, अब धरती की ओर लौटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि शुक्ला 15 जुलाई की दोपहर करीब...

नेशनल डेस्क : भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जो एक्सियम स्पेस के Axiom-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर गए थे, अब धरती की ओर लौटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि शुक्ला 15 जुलाई की दोपहर करीब 3 बजे पृथ्वी पर उतर सकते हैं। इससे पहले, 14 जुलाई को शाम 4:30 बजे स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग प्रक्रिया शुरू होगी।

कैसे होगी वापसी? जानिए चरणबद्ध प्रक्रिया:
1. ISS से अनडॉकिंग:
शुभांशु शुक्ला जिस क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार हैं, वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धीरे-धीरे अलग होगा। इस प्रक्रिया को अनडॉकिंग कहा जाता है, जो पूरी तरह ऑटोमेटेड होती है। हालांकि, अंतरिक्ष यात्री इस प्रक्रिया की निगरानी करते हैं।

2. पृथ्वी की ओर यात्रा और रेट्रोग्रेड बर्न:
अनडॉकिंग के बाद स्पेसक्राफ्ट धीरे-धीरे पृथ्वी की ओर बढ़ेगा। जब यह वायुमंडल में प्रवेश के करीब होगा, तो रेट्रोग्रेड बर्न यानी रॉकेट इंजनों की फायरिंग की जाएगी। इसका मकसद स्पेसक्राफ्ट की गति को नियंत्रित करना और उसे धरती के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश कराना है।

3. वायुमंडल में प्रवेश और तीव्र गर्मी:
जैसे ही कैप्सूल वायुमंडल में प्रवेश करेगा, उसे जबरदस्त घर्षण और गर्मी का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान इसकी गति लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जो धीरे-धीरे कम होती जाती है।

4. पैराशूट सिस्टम से धीमा होगा स्पेसक्राफ्ट:
वायुमंडल में उतरते ही पहले छोटे पैराशूट, फिर मुख्य पैराशूट खुलेंगे। इससे स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार और कम हो जाएगी, जिससे सुरक्षित स्प्लैशडाउन (पानी में उतरना) सुनिश्चित हो सके।

5. समुद्र में लैंडिंग:
NASA के अनुसार, मौसम अनुकूल रहा तो स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया के तट के पास समुद्र में लैंड करेगा। आमतौर पर क्रू ड्रैगन यान अटलांटिक महासागर या गल्फ ऑफ मेक्सिको में उतरता है। स्पेसएक्स की रिकवरी टीम तुरंत मौके पर पहुंचती है और कैप्सूल को एक जहाज पर लिफ्ट कर, अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकाला जाता है।

6. लौटेंगे वैज्ञानिक प्रयोगों के साथ:
शुक्ला और उनकी टीम अपने साथ 263 किलोग्राम वैज्ञानिक उपकरण और डेटा ला रहे हैं। इसमें NASA के हार्डवेयर और 60 से अधिक विज्ञान प्रयोगों के सैंपल शामिल हैं, जो अंतरिक्ष में किए गए थे।

कितनी देर लगेगी वापसी में?
ISS से अनडॉकिंग से लेकर स्प्लैशडाउन तक की यात्रा में लगभग 12 से 16 घंटे का समय लगेगा। रीएंट्री के समय स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार 28,000 किमी/घंटा होगी, जो धीरे-धीरे घटकर लैंडिंग के समय 24 किमी/घंटा तक आ जाएगी। NASA इस पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण भी करेगा, जिसे लोग घर बैठे देख सकेंगे।

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