Edited By Mehak,Updated: 27 Oct, 2025 01:16 PM
त्योहारों के बाद अब चांदी के बाजार में मंदी का माहौल दिख रहा है। सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 को चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 10 दिनों में चांदी की कीमतों में 5% से अधिक की कमी दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों और कारोबारियों के बीच...
नेशनल डेस्क : त्योहारों के बाद अब चांदी के बाजार में मंदी का माहौल दिख रहा है। सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 को चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 10 दिनों में चांदी की कीमतों में 5% से अधिक की कमी दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों और कारोबारियों के बीच चिंता बढ़ गई है।
दिल्ली और चेन्नई में क्या है आज का रेट?
आज दिल्ली में एक किलो चांदी का रेट ₹1,55,000 प्रति किलो है। वहीं, चेन्नई में चांदी का भाव ₹1,70,000 प्रति किलो पर पहुंच गया है। दोनों शहरों के बीच करीब ₹15,000 प्रति किलो का अंतर बना हुआ है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों में रेट लगभग एक समान हैं।
आज 27 अक्टूबर 2025 को प्रमुख शहरों में चांदी के रेट (प्रति किलो):
दिल्ली - 1,55,000 (₹/किलो)
मुंबई - 1,55,000 (₹/किलो)
अहमदाबाद - 1,55,000 (₹/किलो)
चेन्नई - 1,70,000 (₹/किलो)
कोलकाता - 1,55,000 (₹/किलो)
गुरुग्राम - 1,55,000 (₹/किलो)
लखनऊ - 1,55,000 (₹/किलो)
बेंगलुरु - 1,57,000 (₹/किलो)
जयपुर - 1,55,000 (₹/किलो)
पटना - 1,55,000 (₹/किलो)
भुवनेश्वर - 1,55,000 (₹/किलो)
हैदराबाद - 1,70,000 (₹/किलो)
त्योहार खत्म होते ही घटी मांग, 43 हजार रुपये तक टूटा दाम
फेस्टिवल सीजन के दौरान बाजार में जबरदस्त मांग देखने को मिली थी, जिसके चलते चेन्नई में चांदी का रेट ₹2,06,000 प्रति किलो तक पहुंच गया था। लेकिन अब त्योहार खत्म होने और मांग घटने के बाद दामों में भारी गिरावट आई है। सिर्फ एक हफ्ते के भीतर चांदी की कीमतों में करीब ₹43,000 प्रति किलो तक की कमी देखी गई है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल यह गिरावट कम डिमांड और प्रॉफिट बुकिंग की वजह से है।
इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ने से दोबारा तेजी की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा गिरावट अस्थायी है। चांदी की मांग अब केवल आभूषण या बर्तन तक सीमित नहीं रह गई है। आजकल इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन, कंप्यूटर चिप्स और सोलर पैनल बनाने में तेजी से बढ़ रहा है।वैश्विक रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब कुल सिल्वर खपत का 60% से 70% हिस्सा इंडस्ट्री सेक्टर में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी वजह से आने वाले महीनों में चांदी की कीमतों में दोबारा तेजी आने की संभावना जताई जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की कीमतें ऊंचे स्तर पर
दुनियाभर के कमोडिटी मार्केट में भी चांदी की कीमतें अभी ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं। हालांकि, डॉलर की मजबूती और निवेशकों के सोने की ओर झुकाव के कारण शॉर्ट टर्म में सिल्वर की कीमतें स्थिर या थोड़ी कमजोर रह सकती हैं। लेकिन लंबी अवधि में इंडस्ट्रियल मांग और निवेश की बढ़ती रुचि के चलते सिल्वर में रिकवरी की संभावना बनी हुई है।
मार्केट एक्सपर्ट की राय
कमोडिटी एनालिस्ट्स का कहना है कि चांदी की कीमतों में जो गिरावट आई है, वह एक नेचुरल मार्केट करेक्शन है। त्योहारों में अधिक खरीदारी के बाद अक्सर मांग घट जाती है, जिससे दाम कुछ समय के लिए नीचे आ जाते हैं। हालांकि, आने वाले समय में जैसे-जैसे इंडस्ट्रियल सेक्टर की डिमांड बढ़ेगी, वैसे-वैसे चांदी फिर से अपने पुराने स्तर या उससे ऊपर जा सकती है।