Election Commission का बड़ा फैसला: बिहार की तरह पूरे देश में अक्टूबर में लागू होगा ‘SIR’, जल्द होगा आधिकारिक ऐलान

Edited By Updated: 10 Sep, 2025 05:29 PM

sir  will be implemented in the whole country in october official announcement

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले SIR को लेकर विवाद के बीच Election Commission ने एक बड़ा फैसला लिया था। इसके अनुसार यह प्रोसेस देशभर में एक साथ लागू किया जाएगा।

नेशनल डेस्क: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले SIR को लेकर विवाद के बीच Election Commission ने एक बड़ा फैसला लिया था। इसके अनुसार यह प्रोसेस देशभर में एक साथ लागू किया जाएगा। आयोग ने इस फैसले पर आज यानि 10 सितंबर को दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में सभी ने इस प्रक्रिया को शुरू करने पर सहमति जताई है।

सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने सभी राज्यों से 30 सितंबर तक जरूरी कागज़ी कार्रवाई और तैयारियां पूरी करने के लिए कहा है। इस संबंध में ज्यादातर राज्यों ने आश्वासन दिया है कि वे इस तय समय सीमा तक तैयारियां पूरी कर लेंगे।

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जल्द ही हो सकता है आधिकारिक ऐलान

चुनाव आयोग जल्द ही देशभर में SIR की औपचारिक घोषणा कर सकता है। अंतिम तारीखों का फैसला तभी लिया जाएगा जब सभी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अपनी प्रगति रिपोर्ट आयोग को सौंप देंगे। चुनाव आयोग का मानना है कि इस प्रक्रिया से न सिर्फ वोटर लिस्ट अपडेट होगी, बल्कि चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा।

इस प्रक्रिया के तहत राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने आयोग के सामने 3.30 घंटे से ज्यादा का प्रेजेंटेशन दिया। आयोग ने उन्हें मतदाताओं की पहचान और निवास के लिए स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध दस्तावेजों की सूची बनाने को भी कहा है।

  • हर राज्य के लिए अलग दस्तावेज: आदिवासी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में अक्सर पहचान के कुछ विशेष प्रमाणपत्र होते हैं, जिन्हें मान्य किया जाएगा।
  • क्षेत्रीय निकायों के प्रमाणपत्र: कई जगहों पर क्षेत्रीय स्वायत्त बोर्ड और निकाय भी ऐसे प्रमाणपत्र जारी करते हैं, जिन्हें स्वीकार किया जाएगा।

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बिहार में शुरु हुआ था SIR?

बिहार में SIR प्रक्रिया 24 जून से 25 जुलाई तक चली थी। इस दौरान BLO ने घर-घर जाकर वोटर्स की डिटेल्स की वेरिफिकेशन की। वेरिफिकेशन के बाद 1 अगस्त को एक ड्राफ्ट लिस्ट जारी की गई थी, जिसमें 7.24 करोड़ नाम थे। इसके बाद 1 सितंबर तक लोगों को अपने नाम जोड़ने, हटाने या सुधारने का मौका दिया गया। इस दौरान कुल 16 लाख 56 हजार से ज्यादा नए नामों को जोड़ने के लिए आवेदन आए।

चुनाव आयोग का आश्वासन-  

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिना नोटिस जारी किए और मतदाता का पक्ष सुने बिना किसी भी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। आयोग ने यह भी भरोसा दिलाया है कि किसी भी वैध मतदाता का नाम लिस्ट से नहीं हटेगा।

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