खरीफ फसलों की बुवाई ने पकड़ी रफ्तार, कुल क्षेत्रफल में 4% की बढ़ोतरी

Edited By Updated: 12 Aug, 2025 03:00 PM

sowing of kharif crops has gained momentum total area increased by 4

देश में खरीफ फसलों की बुवाई तेजी से पूरी हो रही है। अब तक धान, दलहन, तिलहन, गन्ना और कपास जैसी प्रमुख खरीफ फसलों की बुवाई 99.5 मिलियन हेक्टेयर (mha) से अधिक क्षेत्र में हो चुकी है, जो सामान्य रूप से बोए जाने वाले 109.6 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल का...

नेशनल डेस्कः देश में खरीफ फसलों की बुवाई तेजी से पूरी हो रही है। अब तक धान, दलहन, तिलहन, गन्ना और कपास जैसी प्रमुख खरीफ फसलों की बुवाई 99.5 मिलियन हेक्टेयर (mha) से अधिक क्षेत्र में हो चुकी है, जो सामान्य रूप से बोए जाने वाले 109.6 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल का करीब 91% है।

पिछले साल के मुकाबले 4% बढ़ा कुल रकबा
संदीप दास की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कुल खरीफ क्षेत्रफल में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस बढ़ोतरी में खासतौर पर धान और दलहन की हिस्सेदारी अधिक रही है, जो देश की खाद्य सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

कपास और तिलहन की बुवाई में गिरावट
हालांकि कपास और तिलहन जैसे कुछ फसलों के अंतर्गत क्षेत्रफल में गिरावट देखने को मिली है। सोयाबीन के क्षेत्र में 3.8% और सूरजमुखी के क्षेत्र में 10.2% की कमी दर्ज की गई है। इसके बावजूद, धान, मोटे अनाज, दालों और गन्ने की बुवाई पिछले साल की तुलना में अधिक हुई है। मानसून की स्थिति अब तक अनुकूल रही है। बारिश दीर्घावधि औसत से थोड़ी अधिक दर्ज की गई है, जिससे बुवाई की प्रक्रिया को बल मिला है। किसान सितंबर के पहले सप्ताह तक खरीफ फसलों की बुवाई जारी रखेंगे।

खरीफ फसलें: ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़
भारत में खरीफ फसलें जून-जुलाई में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के साथ बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में कटाई के लिए तैयार होती हैं। ये फसलें गर्म और नम जलवायु में अच्छी उपज देती हैं और समय पर तथा पर्याप्त वर्षा पर काफी निर्भर होती हैं। धान, मक्का, बाजरा, कपास, गन्ना, दलहन और तिलहन जैसी फसलें न केवल भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका का भी आधार हैं। हालांकि, इनकी उत्पादकता मानसून की तीव्रता, वितरण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से प्रभावित होती रहती है।

क्षेत्रवार फसल पैटर्न
भारत में खरीफ फसलों की खेती क्षेत्र विशेष की जलवायु, मिट्टी और जल संसाधनों पर निर्भर करती है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में चावल की खेती प्रमुख है, जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों में कपास और दालों की बुवाई बड़े पैमाने पर होती है। अप्रत्याशित मानसून, कीटों का हमला, और अपर्याप्त भंडारण ढांचे जैसी चुनौतियाँ अभी भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं, जिससे फसलों की स्थिरता और किसानों की आय प्रभावित होती है।


 

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