हैरानीजनक घटना: 5 अगस्त को 24 घंटे से छोटा होगा दिन, तेज़ गति से घूमेगी धरती, जानिए क्या है कारण?

Edited By Updated: 05 Aug, 2025 02:09 PM

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क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे दिन 24 घंटे से थोड़े छोटे हो सकते हैं? वैज्ञानिक बता रहे हैं कि 5 अगस्त 2025 को पृथ्वी अपनी सामान्य गति से थोड़ी तेज घूमेगी, जिससे दिन का समय कुछ मिलीसेकंड कम हो जाएगा।

नेशनल डेस्क: क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे दिन 24 घंटे से थोड़े छोटे हो सकते हैं? वैज्ञानिक बता रहे हैं कि 5 अगस्त 2025 को पृथ्वी अपनी सामान्य गति से थोड़ी तेज घूमेगी, जिससे दिन का समय कुछ मिलीसेकंड कम हो जाएगा। यह सुनकर भले ही आपको हैरानी हो, क्योंकि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ता, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण घटना है।

क्यों बढ़ रही है पृथ्वी की रफ्तार?

पृथ्वी की घूर्णन गति में बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिन पर वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण हैं:

  • चंद्रमा का प्रभाव: जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी की भूमध्य रेखा से दूर होता है, तो उसका गुरुत्वाकर्षण खिंचाव कम हो जाता है, जिससे पृथ्वी की गति थोड़ी बढ़ जाती है। 5 अगस्त को यही स्थिति बनने की संभावना है।
  • ग्लेशियरों का पिघलना: जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं और समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। इससे पृथ्वी का द्रव्यमान पुनर्वितरित होता है, जिससे उसकी घूर्णन गति बढ़ सकती है। यह बिल्कुल किसी आइस स्केटर की तरह है जो अपने हाथों को अंदर खींचकर तेजी से घूमता है।
  • भूगर्भीय गतिविधियां: बड़े भूकंप और पृथ्वी के अंदरूनी हिस्से में होने वाली गतिविधियां भी इस गति को प्रभावित कर सकती हैं।

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कितना छोटा होगा 5 अगस्त का दिन?

वैज्ञानिकों के अनुसार 5 अगस्त 2025 का दिन 24 घंटे से लगभग 1.25 से 1.5 मिलीसेकंड छोटा हो सकता है। एक सामान्य दिन 86,400 सेकंड का होता है, जबकि इस दिन यह लगभग 86,398.5 सेकंड का होगा। यह बदलाव इतना सूक्ष्म है कि यह हमारी सामान्य घड़ियों में दिखाई नहीं देगा, लेकिन परमाणु घड़ियों से इसे मापा जा सकता है।

क्या पहले भी ऐसा हुआ है?

जी हाँ, पिछले कुछ सालों से पृथ्वी की घूर्णन गति में वृद्धि देखी जा रही है। 9 जुलाई 2025 को सबसे छोटा दिन रिकॉर्ड किया गया था, जो सामान्य से 1.6 मिलीसेकंड कम था। इससे पहले 5 जुलाई 2024 को भी दिन 1.66 मिलीसेकंड छोटा रहा था, जिसे अब तक का सबसे तेज़ घूर्णन माना जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2020 के बाद से पृथ्वी की गति पिछले 50 सालों में सबसे तेज़ हुई है।

लीप सेकंड की जरूरत क्यों?

जब पृथ्वी की गति धीमी होती है, तो समय को सही रखने के लिए लीप सेकंड (एक अतिरिक्त सेकंड) जोड़ा जाता है। 1972 से अब तक 27 बार ऐसा किया गया है। लेकिन अब जब पृथ्वी तेज घूम रही है, तो पहली बार 2029 में "नेगेटिव लीप सेकंड" यानी एक सेकंड घटाने की बात चल रही है। यह बदलाव GPS और सैटेलाइट जैसे तकनीकी सिस्टम के लिए बहुत जरूरी होगा। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इस पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।

 

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