Corona संकट में टाटा समूह आया आगे, विदेशों से लाएगा 60 क्रायोजेनिक टैंकर, बनाएगा 400 ऑक्सीजन संयंत्र

Edited By Pardeep,Updated: 04 May, 2021 09:42 PM

tata group to bring 60 cryogenic tankers from abroad to build 400 oxygen plants

कोविड महामारी के बीच टाटा समूह 60 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर विदेशों से विमान के जरिए लाएगा और करीब 400 ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां स्थापित करेगा। इस ऑक्सीजन का उपयोग

नई दिल्लीः कोविड महामारी के बीच टाटा समूह 60 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर विदेशों से विमान के जरिए लाएगा और करीब 400 ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां स्थापित करेगा। इस ऑक्सीजन का उपयोग छोटे शहरों के अस्पतालों में किया जा सकता है। टाटा संस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि समूह की विभिन्न कंपनियों ने मिलकर कोविड मरीजों के लिए करीब 5,000 बिस्तरों की व्यवस्था की है। 
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समूह, खासकर अपने इंडियन होटल से जुड़े कुछ कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दे रहा है ताकि मरीजों की देखभाल के लिये कर्मचारियों की कमी नहीं हो। समूह ने अपने कई होटलों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया है।

टाटा संस के अध्यक्ष (बुनियादी ढांचा, रक्षा एवं एयरोस्पेस और वैश्विक कंपनी मामले) बनमाली अग्रवाल ने मीडिया से कहा, ‘‘हम रोजाना करीब 900 टन ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं। यह टाटा स्टील स्वयं कर रही है। टाटा स्टील में हमारे लोगों ने इसके परिवहन को एक समस्या के रूप में पहचाना है। हमें विशेष क्रायोजेनिक कंटेनरों की जरूरत है। भारत में यह नहीं है। अत: इसका दूसरे देशों से पता करके विमान के जरिये देश में लाना है।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने चिन्हित किया है और ऐसे करीब 60 कंटेनर लाने की प्रक्रिया में है। उसमें से करीब 14 पहले ही लाये जा चुके हैं। कई आने वाले हैं। इस मामले में हम लिंडे जैसे अपने भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं, जिनके साथ हमारा अच्छा संबंध है।''

अग्रवाल ने कंटेनर लाने के लिए वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने को लेकर सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर काफी गंभीर और अचानक से आई है। इस मामले में यह अलग है। अग्रवाल ने कहा, ‘ऑक्सीजन अभी भी चुनौती बनी हुई है। एक परिवहन की समस्या है और दूसरा ऑक्सीजन उत्पादन की। जब हम मझोले और छोटे शहरों (टियर 2 और टियर 3) तथा गांवों में जाते हैं, हमें अस्पतालों के लिये ऑक्सीजन उत्पादन को लेकर स्थानीय तौर-तरीकों की जरूरत होगी।'' 

उन्होंने कहा कि इसके लिये समूह ने डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के साथ भागीदारी की है। इस भागीदारी के तहत हम ऑक्सीजन बनाने के संयंत्र के लिये डीआरडीओ के डिजाइन को अपनाएंगे। अग्रवाल ने कहा कि समूह की कंपनियां देश के समक्ष इस चुनौती से पार पाने के लिये एक साथ आR हैं। इंडियन होटल्स ने अपने कई होटलों के कमरों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया है। इसमें 1,500 बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके अलावा टाटा ट्रस्ट ने उन अस्पतालों के साथ मिलकर 1,500 और बिस्तरों की व्यवस्था की है, जो उनके साथ काम कर रहे हैं। 

इसके अलावा टाटा प्रोजेक्ट्स ने 400 बिस्तरों की व्यवस्था की है। ये बिस्तर नये निर्माण या मौजूदा अस्पतालों में सुधार कर जोड़े गए हैं। इसके अलावा टीसीएस करीब 16 शहरों में हैं। कंपनी के पास करीब 100-100 बिस्तरों की क्षमता वाले केंद्र हैं। इनमें ऑक्सीजन की भी पूरी व्यवस्था है। उनमें से कुछ हिस्से को अलग रखा गया है। इन सबको मिलाकर समूह ने करीब 4,000 से 5,000 बिस्तरों की व्यवस्था की है। 

अग्रवाल के अनुसार इसके अलावा हम मरीजों की देखभाल के लिये प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिये भी काम कर रहे हैं। ‘‘इसके तहत हम खासकर इंडियन होटल्स के अपने कुछ कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि हमने उनमें से कुछ को कोविड सेंटर बनाया है। 

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