Edited By Utsav Singh,Updated: 03 Sep, 2024 07:41 AM
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म हो चुकी है। इसमें किसानों के कल्याण के लिए सात महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जो विशेष रूप से किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस बैठक में कृषि क्षेत्र से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने...
नेशनल डेस्क : केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म हो चुकी है। इसमें किसानों के कल्याण के लिए सात महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जो विशेष रूप से किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस बैठक में कृषि क्षेत्र से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के दौरान लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने किसानों की जीवनस्तर में सुधार और उनकी आय में बढ़ोतरी के लिए कुल सात प्रमुख निर्णय किए हैं।
पहला महत्वपूर्ण निर्णय डिजिटल कृषि मिशन का
पहला महत्वपूर्ण निर्णय डिजिटल कृषि मिशन का है। यह मिशन कृषि के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत कुछ सफल पायलट प्रोजेक्ट्स पहले से ही चलाए गए हैं, जिनमें सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। इस सफलता को ध्यान में रखते हुए, 2,817 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ डिजिटल कृषि मिशन की स्थापना की जाएगी। यह मिशन किसानों को आधुनिक तकनीक और डिजिटल साधनों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करेगा।
दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय खाद्य और पोषण सुरक्षा से संबंधित
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय खाद्य और पोषण सुरक्षा से संबंधित है। इस निर्णय के अंतर्गत, हमारे किसानों और कृषि समुदाय को जलवायु के प्रति लचीला बनाने और 2047 तक खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत कुल 6 प्रमुख स्तंभ स्थापित किए जाएंगे, जिनकी कुल लागत 3,979 करोड़ रुपये होगी। इन स्तंभों के माध्यम से किसानों को आधुनिक और स्थिर फसल विज्ञान से लैस किया जाएगा, ताकि वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना कर सकें और भविष्य के खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें। यह पहल कृषि क्षेत्र को लंबे समय तक टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी।
सस्टेनेबल डेवलप्मेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर
हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में सब्जियां, फलों, मशरूम और विभिन्न प्रकार के पौधों को शामिल किया गया है। इस क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए 860 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। इस वित्तीय निवेश से किसानों की आय में वृद्धि के व्यापक अवसर उत्पन्न होंगे। इस योजना का उद्देश्य हॉर्टिकल्चर के माध्यम से कृषि की विविधता को बढ़ाना और किसानों को अधिक आय के स्रोत प्रदान करना है। इससे न केवल किसानों को बेहतर फसलें उगाने में मदद मिलेगी, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फल, मशरूम और पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे किसानों को नए बाजारों और व्यापारिक अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी।
योजना की शुरुआत किसानों को सशक्त बनाने...
इस योजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्रों को सशक्त और सुसज्जित किया जाएगा। यह कार्यक्रम किसानों के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसके लिए कुल 1202 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और ज्ञान से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ा सकें। कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और सलाह प्रदान की जाएगी। इस प्रकार, यह कार्यक्रम किसानों की समग्र स्थिति में सुधार लाने और उनके कृषि व्यवसाय को मजबूत करने में सहायक होगा।
सेमिकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना
मोदी सरकार ने गुजरात को भी एक बड़ा तोहफा दिया है।अश्वनि वैष्णव ने बताया कि सरकार ने गुजरात में प्रतिदिन 63 मिलियन चिप्स बनाने का प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए कायन्स के 3307 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। दरअसल, दुनिया की सभी अत्याधुनिक और जटिल चिप्स भारत में ही डिज़ाइन की जाती हैं। भारत में खुद की बौद्धिक संपदा (IPR) विकसित करने के उद्देश्य से, डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव योजना के तहत 13 कंपनियों ने चिप्स डिज़ाइन करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में Kaynes Technology India के प्लांट को मंजूरी प्रदान की गई है। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 6.3 मिलियन चिप्स की होगी। इस निर्णय के साथ ही, भारत में सेमिकंडक्टर के इकोसिस्टम का विकास तेजी से हो रहा है और यह क्षेत्र भविष्य में और भी सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा।
इंदौर और मनमाड के बीच कनेक्टिविटी के लिए रेल परियोजना का मंजूरी
कैबिनेट समिति ने इंदौर और मुंबई के बीच एक नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए बताया कि रेल मंत्रालय इस परियोजना को लगभग 18,036 करोड़ रुपये की कुल लागत से लागू करेगा। यह नई रेलवे लाइन इंदौर और मनमाड के बीच सीधे कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे भारतीय रेलवे की गतिशीलता में सुधार होगा और प्रणाली की दक्षता और सेवा की विश्वसनीयता में वृद्धि होगी। यह परियोजना महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के छह जिलों को कवर करेगी और मौजूदा भारतीय रेलवे नेटवर्क को लगभग 309 किलोमीटर तक बढ़ाएगी।
आपको बता दें कि इस परियोजना के तहत 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जो बड़वानी और अन्य क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगे। नई रेलवे लाइन से करीब 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी। सीसीईए के बयान में कहा गया है कि यह परियोजना प्रधानमंत्री-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत आती है, जो मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को एकीकृत योजना के माध्यम से संभव बनाता है। यह योजना लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।