Edited By Parveen Kumar,Updated: 11 Sep, 2024 10:44 PM
सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दो प्रमुख खगोलीय घटनाएँ हैं जो दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं, चाहे वह विज्ञान के दृष्टिकोण से हो या आध्यात्मिक दृष्टिकोण से। सितंबर का महीना एक महत्वपूर्ण ग्रहण लाने वाला है।
नेशनल डेस्क : सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दो प्रमुख खगोलीय घटनाएँ हैं जो दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं, चाहे वह विज्ञान के दृष्टिकोण से हो या आध्यात्मिक दृष्टिकोण से। सितंबर का महीना एक महत्वपूर्ण ग्रहण लाने वाला है। इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 17 सितंबर को होगा, और यह एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा। आंशिक चंद्रग्रहण में, चंद्रमा का कुछ हिस्सा पृथ्वी की छाया में चला जाता है, जिससे चंद्रमा पर एक आंशिक अंधेरा दिखाई देता है। इस ग्रहण का दृश्यता क्षेत्र व्यापक होता है, और यह कई स्थानों पर देखा जा सकता है।
17 सितंबर के आंशिक चंद्रग्रहण का प्रभाव भारत में भी देखने को मिलेगा। भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग इस चंद्रग्रहण को देख सकेंगे, हालांकि इसके दृश्यता का स्तर क्षेत्र के अनुसार भिन्न हो सकता है। इस ग्रहण के दौरान, चंद्रमा की चमक में कमी आने के कारण एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत होगा, जो खगोलशास्त्र प्रेमियों और ग्रहण देखना पसंद करने वाले लोगों के लिए एक खास अनुभव साबित हो सकता है। आंशिक सूर्यग्रहण 17 सितंबर को लगेगा। कई जगह यह 18 सितंबर को भी दिख सकता है। भारतीय समय के अनुसार, चंद्रग्रहण की शुरुआत सुबह 6.11 बजे से होगी।
क्या है चंद्रग्रहण की टाइमिंग
भारत में 17 सितंबर का आंशिक चंद्रग्रहण प्रभावी नहीं होगा, लेकिन अगर आप इस खगोलीय घटना में रुचि रखते हैं तो जानना जरूरी है कि चंद्रग्रहण की टाइमिंग क्या होगी। आप इसे इंटरनेट पर लाइव देख सकते हैं। भारतीय समय के अनुसार, चंद्रग्रहण की शुरुआत 18 सितंबर की सुबह 6:11 बजे होगी। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव सुबह 8:14 बजे होगा और यह सुबह 10:17 बजे खत्म हो जाएगा।
इस साल 2024 का पहला चंद्रग्रहण 25 मार्च को हुआ था, जो एक उपछाया चंद्रग्रहण था। इस ग्रहण में चंद्रमा, पृथ्वी की छाया के बाहरी हिस्से से गुजरता है, जिसे पेनुम्ब्रा कहा जाता है। यह ग्रहण यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तर-पूर्वी एशिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में देखा गया था।