Edited By ,Updated: 20 Jun, 2016 10:57 PM
किन्नरों की दुनिया एक अलग तरह की ही दुनिया है। इनके बारे में आम लोगों को कम ही जानकारी होती है...
नई दिल्ली : किन्नरों की दुनिया एक अलग तरह की ही दुनिया है। इनके बारे में आम लोगों को कम ही जानकारी होती है। इनके ऊपर आज तक कोई शोध भी नहीं हुआ है, जिससे इनके रीति-रिवाज और संस्कारों के बारे में लोगों को ज्यादा पता नहीं है। हालांकि इनके बारे में जानने की उत्सुकता हर किसी को होती है। तो आइए, आज हम आपको बताते हैं किन्नरों की इस अनूठी दुनिया के बारे में...।
बिरादरी में इस तरह शामिल होते हैं किन्नर
> बालिग होने पर ही किसी को बिरादरी में शामिल किया जाता है।
> रीति संस्कार से एक दिन पूर्व मिलकर खूब नाच-गाना होता है।
> इस दिन सभी किन्नरों का खाना एक ही चूल्हे पर बनता है।
>अगले दिन जिसे किन्नर बनना होता है, उसका शुद्धिकरण होता है।
>फिर ऊंचे मंच पर बिठाकर उसकी जननेन्द्रिय काट दी जाती है।
>फिर नया नाम देकर बिरादरी में शामिल कर लिया जाता है।
>भारत में बीस लाख से ज्यादा किन्नर। लगातार घट रही संख्या।
जूतों-चप्पलों से पीटा जाता है शव को
>किन्नरों की शव यात्राएं रात्रि को निकाली जाती हैं।
>शव उठाने से पूर्व जूतों-चप्पलों से इसे पीटा जाता है।
>फिर पूरा समुदाय एक सप्ताह तक भूखा रहता है।
>इन भ्रांतियों के संबंध में किन्नर नाममात्र ही बताते हैं।
जन्मजात नहीं होते सभी किन्नर
>देश में कुछ किन्नर ही जन्मजात होते हैं।
>कुछ बंध्याकरण की प्रक्रिया से किन्नर बनते हैं।
>आजीविका के लिए बधाई व उपहार पर निर्भर।
हर जगह मुखबिर, मिलता है कमीशन
>शादी व पुत्र रत्न की प्राप्ति की सूचना मुखबिरों से मिलती है।
>नगर परिषद में जन्म-मरण रिकॉर्ड से भी जानकारी मिलती है।
>शादी का पता धर्मशालाओं एवं मैरिज पैलेस से चल जाता है।
>खबर पहुंचाने वाले को तयशुदा कमीशन भी मिलता है।