Heart Attack से खतरे को कम करते हैं ये 5 योगासन

Edited By Updated: 14 Aug, 2025 12:33 PM

these 5 yogasanas reduce the risk of heart attack

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल की सेहत का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी हो गया है। दिल की बीमारियों से बचने के लिए योग एक बहुत ही प्रभावी और प्राकृतिक तरीका है।

नेशनल डेस्क: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल की सेहत का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी हो गया है। दिल की बीमारियों से बचने के लिए योग एक बहुत ही प्रभावी और प्राकृतिक तरीका है। यहाँ हम आपको ऐसे 5 योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो आपके दिल को मजबूत बनाने और उसे स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इन आसनों का नियमित अभ्यास आपके ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है, तनाव को कम करता है और दिल की बीमारियों के खतरे को घटाता है।

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1. ताड़ासन (Tadasana):

ताड़ासन एक सरल लेकिन बहुत ही प्रभावशाली योगासन है। इसे 'पर्वत आसन' भी कहते हैं। इस आसन को करने से पूरे शरीर में एक खिंचाव महसूस होता है, जिससे शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। यह आसन छाती की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दिल तक ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छी तरह से पहुँचती है। नियमित अभ्यास से तनाव में भी कमी आती है और शरीर का संतुलन बढ़ता है।

2. मार्जरीआसन (Marjaryasana):

मार्जरीआसन, जिसे 'बिल्ली आसन' भी कहा जाता है में शरीर की मुद्रा बिल्ली जैसी होती है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पीठ दर्द में राहत देता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह शरीर की चर्बी को कम करने में भी मदद करता है। मोटापा दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है, इसलिए मार्जरीआसन मोटापे को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। यह आसन तनाव को घटाकर मन को भी शांत करता है।

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3. त्रिकोणासन (Trikonasana):

त्रिकोणासन शरीर की कई प्रमुख मांसपेशियों को एक साथ सक्रिय करता है। इस आसन का अभ्यास रीढ़ की हड्डी, जांघों, घुटनों और छाती पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। त्रिकोणासन तनाव और चिंता को कम करने में भी सहायक है, जो दिल की बीमारियों के प्रमुख कारणों में से एक हैं। यह शरीर के संतुलन और स्थिरता को भी बढ़ाता है।

4. वीरभद्रासन (Virabhadrasana):

वीरभद्रासन, जिसे 'योद्धा आसन' भी कहते हैं, शरीर की ताकत और लचीलेपन को बढ़ाता है। यह आसन दिल तक ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और नसों में ब्लॉकेज की संभावना को कम करता है। इसके नियमित अभ्यास से छाती, कंधे और जांघों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, जिससे शरीर का पोस्चर भी सुधरता है।

5. उत्कटासन (Utkatasana):

उत्कटासन को 'चेयर पोज' भी कहते हैं, क्योंकि इसमें शरीर की मुद्रा कुर्सी पर बैठने जैसी होती है। यह आसन कंधों, पीठ और पैरों को मजबूत बनाता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है, जिससे छाती में ब्लॉकेज की संभावना घटती है। इसके अलावा, यह कैलोरी बर्न करने में भी मददगार है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है।

 

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