मालदीव, श्रीलंका की यात्रा ‘पड़ोस पहले' नीति पर भारत की प्राथमिकता प्रतिबिंबित करती है: मोदी

Edited By Updated: 07 Jun, 2019 09:38 PM

traveling in sri lanka reflects india s priority on  neighborhood first modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि शनिवार से शुरू हो रही मालदीव और श्रीलंका की उनकी यात्रा से भारत द्वारा ‘पड़ोस पहले'' नीति को दिया जाने वाला महत्व प्रतिबिंबित होता है और इससे समुद्र से घिरे दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध और मजबूत...

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि शनिवार से शुरू हो रही मालदीव और श्रीलंका की उनकी यात्रा से भारत द्वारा ‘पड़ोस पहले' नीति को दिया जाने वाला महत्व प्रतिबिंबित होता है और इससे समुद्र से घिरे दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। मोदी लोकसभा चुनाव में जीतकर सत्ता बरकरार रखने के बाद अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के तहत सबसे पहले मालदीव जाएंगे। वह मालदीव से रविवार को श्रीलंका जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं इसको लेकर आश्वस्त हूं कि मालदीव और श्रीलंका की मेरी यात्रा से हमारी ‘पड़ोस पहले नीति' और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं प्रगति की दृष्टि के अनुरूप हमारे समुद्री पड़ोसी देशों के साथ हमारे नजदीकी एवं सौहार्द्रपूर्ण संबंध और मजबूत होंगे।' उन्होंने रवानगी से पहले जारी एक बयान में कहा कि श्रीलंका की उनकी यात्रा वहां 21 अप्रैल को हुए ‘भीषण आतंकवादी हमलों' के मद्देनजर इस द्वीपीय देश की सरकार एवं वहां के लोगों के प्रति भारत की एकजुटता व्यक्त करने के लिए है। मोदी ने कहा, ‘भारत के लोग श्रीलंका के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं जिन्होंने ईस्टर के दिन भीषण आतंकवादी हमले के मद्देनहर बड़ी पीड़ा और विनाश का सामना किया। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में श्रीलंका का पूर्ण समर्थन करते हैं।'

ईस्टर रविवार को श्रीलंका में कई बम विस्फोट हुए थे जिसमें 250 से अधिक व्यक्ति मारे गए थे। मोदी ने मालदीव की अपनी यात्रा के बारे में कहा कि भारत इस देश को एक मूल्यवान साझेदार मानता है जिसके साथ वह इतिहास और संस्कृति के गहरे संबंध साझा करता है। उन्होंने कहा, ‘मालदीव के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध हाल के समय में काफी मजबूत हुए हैं। मुझे पक्का विश्वास है कि मेरी यात्रा से हमारी बहुआयामी साझेदारी गहरी होगी।' प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव की यात्रा गत नवम्बर में की थी जब वह राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के शपथग्रहण में शामिल होने के लिए वहां गए थे।

भारत और मालदीव के संबंधों में उस समय गिरावट आ गई थी जब वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने पिछले साल पांच फरवरी को अपने देश में आपातकाल लगा दिया था। हालांकि सोलिह के सत्ता संभालने के बाद दोनों देशों के संबंध सामान्य रूप से बहाल हो गये थे। मोदी ने कहा, ‘मुझे नवम्बर 2018 में राष्ट्रपति सोलिह के शपथग्रहण में शामिल होने का भी मौका मिला था। मालदीव की मेरी यात्रा दोनों देशों द्वारा समुद्री पड़ोसियों और दीर्घकालिक मित्रों के तौर पर हमारे संबंधों को दिए जाने वाले महत्व को प्रतिबिंबित करती है।'

विदेश सचिव विजय गोखले ने गुरुवार को कहा था कि मोदी की यात्रा के दौरान दोनों पक्षों द्वारा विशिष्ट क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। मोदी ने श्रीलंका को लेकर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उसके साथ संबंधों में काफी गति मिली है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना पिछले सप्ताह मोदी के शपथग्रहण समरोह में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। मोदी ने कहा, ‘मैं अपनी यात्रा के दौरान श्रीलंकाई नेतृत्व से मुलाकात को लेकर उत्सुक हूं।'

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