Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Jul, 2025 04:35 PM

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सुरक्षा बलों ने 17 लाख रुपये के इनामी चार नक्सलियों को ढेर कर दिया। मारे गए नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। यह मुठभेड़ बीजापुर के बासागुड़ा और गंगालूर थाना...
नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सुरक्षा बलों ने 17 लाख रुपये के इनामी चार नक्सलियों को ढेर कर दिया। मारे गए नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। यह मुठभेड़ बीजापुर के बासागुड़ा और गंगालूर थाना क्षेत्रों के बीच सघन जंगलों में हुई। सभी नक्सली दक्षिण उप-क्षेत्रीय ब्यूरो से जुड़े हुए थे और इनमें से तीन एसीएम स्तर के जबकि एक पार्टी सदस्य कमांडर था। यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि इस मुठभेड़ को अंजाम देने से पहले सुरक्षा बलों को क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया सूचना प्राप्त हुई थी। इसी के आधार पर जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की एक विशेष टीम ने 26 जुलाई 2025 की शाम को जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बलों ने जंगल में घुसपैठ की, माओवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही और आखिरकार चार नक्सली मारे गए।
भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक जब्त
मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल की सघन तलाशी ली, जिसमें बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। बरामद सामान में एक एसएलआर (Self Loading Rifle), एक इंसास राइफल, एक .303 राइफल, एक 12 बोर बंदूक, एक बीजीएल लांचर, एक सिंगल-शॉट हथियार, भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नक्सलियों से जुड़ा अन्य सामान शामिल था। ये सभी हथियार नक्सलियों की मंशा, उनकी रणनीतिक तैयारी और क्षेत्र में हिंसक गतिविधियों की योजना को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।
बस्तर क्षेत्र में लगातार जारी है सुरक्षा बलों का दबाव
बस्तर और उससे सटे इलाकों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने लगातार दबाव बनाए रखा है। समय-समय पर ऐसे अभियान चलाकर नक्सलियों के नेटवर्क को कमजोर किया जा रहा है। बीजापुर में हुई इस ताज़ा मुठभेड़ से न केवल नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है, बल्कि स्थानीय नागरिकों में भी सुरक्षा का विश्वास बढ़ा है।