Edited By Radhika,Updated: 21 Nov, 2025 02:30 PM

क्या आपने कभी सोचा है कि दो महीने तक बिना सूरज की रोशनी के जीवन कैसा होगा? हालांकि ये सुनने में काफी अजीब लगता है। वहीं कुछ लोग ऐसा भी कहेंगे कि ये संभव नहीं है।
नेशनल डेस्क : क्या आपने कभी सोचा है कि दो महीने तक बिना सूरज की रोशनी के जीवन कैसा होगा? हालांकि ये सुनने में काफी अजीब लगता है। वहीं कुछ लोग ऐसा भी कहेंगे कि ये संभव नहीं है। लेकिन आपको बता दें कि ये पूरी तरह से सच है। दुनिया में एक ऐसी जगह है जहाँ घना कोहरा या बादल नहीं बल्कि पृथ्वी का अपना झुकाव सूर्य को क्षितिज से पूरी तरह ओझल कर देता है। ये जगह अमेरिका के आर्कटिक सर्कल में स्थित अलास्का के उतकियागविक (पूर्व में बैरो) शहर है।
लोगों ने शुरु किया अनुभव
यहां के लोगों ने एक बार फिर यही असाधारण अनुभव करना शुरू कर दिया है। 18 नवंबर को आखिरी सूर्यास्त के साथ यह शहर अब अगले 63 दिनों के लिए Polar Night की आगोश में समा चुका है। यहाँ का अगला सूर्योदय सीधे 22 जनवरी 2026 को होगा। यह खगोलीय घटना न केवल इस शहर के निवासियों की दिनचर्या, बल्कि पूरे ग्रह के मौसम चक्र को समझने के लिए एक अद्भुत केस स्टडी पेश करती है।
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ध्रुवीय रात्रि क्या है?
उत्कियागविक आर्कटिक सर्कल से लगभग 483 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह लंबी अवधि का अंधेरा एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है। यह तब होता है जब उत्तरी गोलार्ध सितंबर से मार्च के बीच सूर्य से दूर झुक जाता है। इस झुकाव के कारण अत्यधिक उत्तरी अक्षांशों पर दिन का प्रकाश धीरे-धीरे कम होता जाता है और दिसंबर संक्रांति के आसपास यह अपने चरम पर पहुँच जाता है। इस अंधेरे के दौरान कभी-कभी ऑरोरा बोरियालिस की चमक दिखाई देती है, जो यहाँ के आसमान को रोशन करती है।
तापमान कम होने से स्थिति होती है मुश्किल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ध्रुवीय रात्रि के दौरान उत्कियागविक में स्थितियाँ बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाती हैं। यहाँ का तापमान अक्सर शून्य डिग्री फ़ारेनहाइट ($0^\circ F$) से भी नीचे चला जाता है। सूरज न निकलने के कारण यहाँ रहने वाले लगभग 4600 लोगों को भीषण ठंड और दैनिक जीवन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अगला चरण
जैसे-जैसे बसंत ऋतु आती है, दिन का उजाला धीरे-धीरे लौटने लगता है। मई के मध्य तक स्थिति पूरी तरह से उलट जाती है। इस अवधि में उत्कियागविक में 24 घंटे दिन का उजाला बना रहता है, जिसे Midnight Sun कहा जाता है। यह स्थिति अगस्त की शुरुआत तक बनी रहती है।
दक्षिणी ध्रुव पर क्या होता है?
उत्तरी ध्रुव के विपरीत दक्षिणी ध्रुव पर यह घटना और भी नाटकीय होती है। जब आर्कटिक में 63 दिनों का अंधेरा होता है, तो दक्षिणी ध्रुव पर लगभग 6 महीने तक लगातार सूर्य चमकता रहता है, क्योंकि पृथ्वी के झुकाव का सबसे अधिक प्रभाव इसी बिंदु पर पड़ता है। जब दक्षिणी ध्रुव अपनी अर्धवार्षिक रात्रि में जाता है, तब आर्कटिक में मध्यरात्रि का सूर्य चमकता है।