IMD Rain Alert: 5 राज्यों में झमाझम बरसात, उत्तर भारत में ठंड को लेकर आई बुरी खबर

Edited By Updated: 22 Nov, 2025 04:34 PM

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भारत का मौसम इन दिनों दो विपरीत तस्वीरें दिखा रहा है—एक तरफ समुद्र पर उठती हलचल से दक्षिणी राज्यों के आसमान पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, तो दूसरी ओर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्दी अभी भी 'गायब मोड' में है। नवंबर का आधा महीना बीत चुका है, पर...

 नेशनल डेस्क:  भारत का मौसम इन दिनों दो विपरीत तस्वीरें दिखा रहा है—एक तरफ समुद्र पर उठती हलचल से दक्षिणी राज्यों के आसमान पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, तो दूसरी ओर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्दी अभी भी 'गायब मोड' में है। नवंबर का आधा महीना बीत चुका है, पर मौसम मानो दो दिशाओं में अलग-अलग कहानी लिख रहा हो।

इन राज्यों में भयंकर बारिश
अंडमान सागर पर बन रहा दबाव, अगले हफ्ते तूफ़ान का रूप ले सकता है। दक्षिण बंगाल की खाड़ी यानी अंडमान सागर के करीब एक कम दबाव क्षेत्र उभर रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह सिस्टम अगले हफ्ते तक तीव्र होकर चक्रवात में तब्दील हो सकता है। इस संभावित तूफ़ान की वजह से अंडमान–निकोबार, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, माहे, तेलंगाना, कर्नाटक के कुछ हिस्सों और ओडिशा में भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है।

मौसम विशेषज्ञ 26 या 27 नवंबर के बीच इसके भारत के पूर्वी तट से टकराने की संभावनाओं पर नज़र रखे हुए हैं। अगर इसका रुख तमिलनाडु या तटीय आंध्र प्रदेश की ओर होता है, तो दक्षिण भारत में व्यापक वर्षा हो सकती है। हालांकि स्काइमेट का मानना है कि इस दिशा में टकराने की संभावना कम है।

मौसम वैज्ञानिकों की चिंता यह भी है कि अगर यह सिस्टम दिशा बदलकर पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश की ओर चला गया, तो दक्षिण भारत में बारिश की जगह सूखा–सा हाल हो सकता है- तूफ़ान का असर वहां से लगभग गायब हो जाएगा।

आंध्र, तमिलनाडु और केरल में हल्की बारिश; अगले तीन दिनों में गतिविधि बढ़ने के संकेत
पिछले दो दिनों में दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में रुक-रुक कर वर्षा दर्ज हुई है। वर्तमान साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से आने वाले तीन दिनों में तमिलनाडु और केरल के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश और गरज–चमक बढ़ सकती है। अगले 24 घंटों में दक्षिण–पूर्व बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर पर कम दबाव का यह क्षेत्र और मजबूत होने की कगार पर है, जो चक्रवात बनने से पहले का संकेत माना जाता है। इस सीज़न में बन रहे ऐसे सिस्टम कई बार तेज़ी से उग्र स्वरूप ले लेते हैं, इसलिए सतर्कता बढ़ा दी गई है।

उत्तर भारत में सर्दी का इंतज़ार लंबा हुआ—पारा फिर चढ़ने लगा
उधर उत्तर भारत में इस बार ठंड की दस्तक बेहद कमज़ोर रही। नवंबर की शुरुआत में पंजाब से लेकर बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक सर्दी का शुरुआती असर दिखा था। दिल्ली में भी तापमान एकल-अंक तक उतर गया था। लेकिन यह ठंड ज़्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई। इस हफ्ते की शुरुआत में पूर्वी राजस्थान में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन अब वहां भी न्यूनतम तापमान फिर दो अंकों में पहुंच चुका है। सीकर में जहां नवंबर की शुरुआत में पारा 5.4°C तक पहुंच गया था, वहीं अब यह बढ़कर 9°C हो गया है। हरियाणा और पंजाब में भी ऐसी ही वापसी देखी गई। दिल्ली का न्यूनतम तापमान 17 नवंबर को 8.7°C था, लेकिन अब लगातार तीन दिन से दो-अंकीय स्तर पर बना हुआ है।
 

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