Edited By Rohini Oberoi,Updated: 13 Nov, 2025 01:23 PM

वजन घटाने के लिए इस्तेमाल होने वाले डेनमार्क की दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) के लोकप्रिय इंजेक्शन वेगोवी (Wegovy) के दाम भारत में 37% तक कम कर दिए गए हैं। कंपनी का यह बड़ा कदम इंजेक्शन की पहुंच और बिक्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया...
नेशनल डेस्क। वजन घटाने के लिए इस्तेमाल होने वाले डेनमार्क की दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) के लोकप्रिय इंजेक्शन वेगोवी (Wegovy) के दाम भारत में 37% तक कम कर दिए गए हैं। कंपनी का यह बड़ा कदम इंजेक्शन की पहुंच और बिक्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
कीमतों में भारी कटौती
वजन कम करने के लिए प्रभावी माने जाने वाले इस साप्ताहिक इंजेक्शन की शुरुआती डोज़ की कीमत में महत्वपूर्ण कमी आई है:
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पुरानी कीमत: ₹4,366 प्रति सप्ताह
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नई कीमत: घटकर ₹2,712 प्रति सप्ताह रह गई है।
नोवो नॉर्डिस्क के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट और इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रांत श्रोत्रिय ने इस फैसले का कारण मरीजों की प्रतिक्रिया और दवा को अधिक किफायती (Affordable) बनाना बताया है।
Mounjaro से मुकाबला और बाज़ार की क्षमता
वेगोवी को भारत में जून 2025 में लॉन्च किया गया था लेकिन लॉन्च के ठीक दो महीने बाद अमेरिकी फार्मा कंपनी एली लिली (Eli Lilly) ने इसकी प्रतिद्वंद्वी दवा मौनजारो (Mounjaro) भारतीय बाज़ार में उतार दी।
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बिक्री का हाल: मौनजारो ने लॉन्च के 7 महीने के अंदर ही ₹100 करोड़ की बिक्री की थी जबकि वेगोवी की बिक्री इसके मुकाबले लगभग 10% ही रही।
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भविष्य की उम्मीदें: कम बिक्री के बावजूद श्रोत्रिय का मानना है कि वेगोवी की बाज़ार में संभावनाएं बहुत मजबूत हैं।

कौन सी दवा बेहतर?
दोनों ही इंजेक्शन—वेगोवी (Wegovy) और मौनजारो (Mounjaro)—को मूल रूप से टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए विकसित किया गया था लेकिन इनकी डोज़ मोटापे को नियंत्रित करने में भी प्रभावी पाई गई है।
श्रोत्रिय के अनुसार वेगोवी का सबसे बड़ा लाभ हृदय (Heart) और किडनी (Kidney) के स्वास्थ्य के लिए सामने आया है। रिसर्च बताती है कि वेगोवी का प्रमुख घटक सेमाग्लूटाइड (Semaglutide), मौनजारो के घटक ट्रेजेपेटाइड (Tirzepatide) की तुलना में किडनी फेलियर, हार्ट अटैक और मृत्यु के जोखिम को अधिक प्रभावी ढंग से कम करता है।
भारत में मोटापे का बढ़ता संकट
भारत में मोटापा अब एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है जिसके कारण इन दवाओं का बाज़ार तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है:
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आंकड़े: ICMR और MDRF की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार देश के 28.6% लोग (करीब 25.4 करोड़ भारतीय) मोटापे से ग्रस्त हैं।
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गंभीर बीमारी: एक्सपर्ट्स अब मोटापे को केवल जीवनशैली की समस्या नहीं बल्कि एक दीर्घकालिक (Chronic) और पुनरावर्ती (Relapsing) बीमारी मानते हैं जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज जैसी कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है।
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बाज़ार का भविष्य और उम्मीद की किरण
विक्रांत श्रोत्रिय का मानना है कि भारत में इन दवाओं की शुरुआत केवल "हिमशिखर का सिरा" है।
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बाज़ार का विस्तार: वर्तमान में भारत का एंटी-ओबेसिटी दवा बाजार करीब ₹3,000–₹3,500 करोड़ का है। अनुमान है कि 2030 तक यह बढ़कर ₹25,000 करोड़ तक पहुंच सकता है।
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अमेरिकी मॉडल: अमेरिका पहले ही ड्रग-बेस्ड थैरेपीज़ का उपयोग करके मोटापे की दर में कमी लाने में सफलता पा चुका है और श्रोत्रिय का मानना है कि भारत भी उसी राह पर आगे बढ़ सकता है।
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सकारात्मक दृष्टिकोण: देश में मोटापे से जूझ रहे करोड़ों लोगों के लिए वेगोवी जैसे उपचार "उम्मीद की किरण" हैं। ये दवाएं केवल वजन घटाने के लिए नहीं हैं बल्कि लंबे समय तक बेहतर स्वास्थ्य परिणाम देने की क्षमता रखती हैं।