Edited By Shubham Anand,Updated: 04 Jul, 2025 05:26 PM

सावन का महीना पूजा, तपस्या और भगवान शिव की साधना का माना जाता है। इस दौरान साधना तभी सफल होती है जब व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है। इसलिए सावन में न केवल रहन-सहन बल्कि खान-पान पर भी खास ध्यान देना आवश्यक होता है। इस महीने में चारों ओर...
National Desk : सावन का महीना पूजा, तपस्या और भगवान शिव की साधना का माना जाता है। इस दौरान साधना तभी सफल होती है जब व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है। इसलिए सावन में न केवल रहन-सहन बल्कि खान-पान पर भी खास ध्यान देना आवश्यक होता है। इस महीने में चारों ओर हरियाली छा जाती है और मौसम भी सुहावना हो जाता है।
सावन में दूध क्यों नहीं पीना चाहिए?
सावन में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के साथ-साथ व्रत और उपवास भी किए जाते हैं। कई लोग व्रत के दौरान दूध पीते हैं, लेकिन यह सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। सावन के मौसम में अधिक बारिश होती है, जिससे साग-सब्जियों में कीड़े-मकोड़े और हानिकारक जीवाणु बढ़ जाते हैं। ये कीटाणु दूध में भी आ सकते हैं, जो हमारी सेहत पर बुरा असर डालते हैं। एक मान्यता यह भी है कि बारिश के कारण जमीन में दबे कीड़े ऊपर आ जाते हैं और घास-पत्तियों को संक्रमित कर देते हैं, जिसे गाय-भैंस खाते हैं और फिर उनका दूध हम तक पहुंचता है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी सावन में भगवान शिव को दूध अर्पित किया जाता है, इसलिए इस माह में दूध का सेवन वर्जित माना गया है।
सावन में हरी सब्जियां क्यों है वर्जित
सावन के मौसम में ज्यादा बारिश के कारण हरी पत्तेदार सब्जियों में कीड़े लगने का खतरा रहता है, जो पाचन शक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। इस समय पाचन कमजोर होता है, इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियों से बचना बेहतर होता है। इसके बजाय लौकी, परवल, कद्दू जैसी सब्जियां खानी चाहिए। सावन के दौरान वात बढ़ाने वाली चीजों से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि हरी पत्तेदार सब्जियां वात को बढ़ाती हैं। इसीलिए शास्त्र और आयुर्वेद दोनों में सावन में इन सब्जियों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती।
सावन में किन सब्जियों से बचना चाहिए?
सावन में हरा प्याज, सरसों का साग, ब्रोकली, जलकुंभी, कासनी, पत्तागोभी, सौंफ, बथुआ, पुदीना, धनिया, मेथी, मूली के पत्ते और हरा कोलार्ड जैसी सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही सलाद पत्ते भी सावन में खाने से बचें। इस प्रकार सावन के महीने में भोजन और साधना दोनों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है ताकि साधना सफल हो और शरीर भी स्वस्थ बना रहे।