महाश्वेता देवी की किताब का गलत नाम लिख फंसी सुषमा

Edited By Updated: 29 Jul, 2016 11:31 AM

writer mahasweta devi died

बंगला की प्रख्यात लेखिका और समाज के दबे कुचले और वंचित वर्गों की पैरोकार महाश्वेता देवी का गुरुवार को निधन हो गया। वह 91 वर्ष की थीं।

नई दिल्ली: बंगला की प्रख्यात लेखिका और समाज के दबे कुचले और वंचित वर्गों की पैरोकार महाश्वेता देवी का गुरुवार को निधन हो गया। वह 91 वर्ष की थीं। लेखिका के निधन पर सभी ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसमें उन्होंने दो ऐसी किताबों के नाम लिख दिए, जिन्हें महाश्वेता ने नहीं बल्कि आशापूर्णा देवी ने लिखा है। इस ट्वीट के लिए सोशल मीडिया यूजर्स ने सुषमा स्वराज की खूब खिंचाई की। हालांकि बाद में सुषमा ने ट्वीट डिलीट कर दिया। एक यूजर ने सुषमा को अपना स्क्रिप्ट राइटर बदलने तक की सलाह दे डाली।
 

दरअसल सुषमा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ''महाश्वेता देवी का जाना साहित्य के एक युग का अंत है। उनकी लिखीं मशहूर रचनाएं 'प्रथम प्रतिश्रुति' और 'बाकुल कथा' ने मेरी जिंदगी पर अमिट छाप छोड़ी है। महाश्वेता जी को मेरा नमन।'' सुषमा ने जिन दो रचनाओं का जिक्र अपने ट्वीट में किया वो दोनों ही महाश्वेता देवी ने नहीं लिखी हैं। हालांकि अपनी गलती का अहसास होने के बाद सुषमा ने वो ट्वीट हटा दिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने महाश्वेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि महाश्वेता देवी को 23 जुलाई को मेजर हार्ट अटैक के बाद कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके द्वारा लिखी गई 'हजार चौरासी की मां' काफी मशहूर है। उन्हें पद्मविभूषण, ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादमी अवॉर्ड, रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
 

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