सस्ते आयातित तेलों से घरेलू तेल तिलहन कीमतों पर दबाव

Edited By Updated: 18 Jul, 2020 06:51 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) विदेशों में पाम और सोयाबीन डीगम जैसे सस्ते तेलों के बम्पर उत्पादन के आसार तथा भारत में पामतेल के आयात शुल्क मूल्य कम किये जाने के बीच सस्ते तेलों के आयात में उछाल आने की संभावना है।

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) विदेशों में पाम और सोयाबीन डीगम जैसे सस्ते तेलों के बम्पर उत्पादन के आसार तथा भारत में पामतेल के आयात शुल्क मूल्य कम किये जाने के बीच सस्ते तेलों के आयात में उछाल आने की संभावना है।
सस्ते तेल के आयात के बढ़ने की संभावना के कारण दिल्ली तेल तिलहन बाजार में 'शनिवार को देशी तेल तिलहनों के भाव पर काफी दबाव रहा। सरसों और मूंगफली तेल एवं तिलहन कीमतों में जहां स्थिरता बनी रहीं वहीं सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।

बाजार सूत्रों के मुताबिक इस बार विदेशों में पामतेल के उत्पादन में काफी वृद्धि होने की पूरी संभावना है और मलेशिया में पामतेल का पहले का भी काफी स्टॉक जमा है। उधर भारत में पाम तेल के आयात शुल्क मूल्य में कमी की गई है और लॉकडाऊन में ढील के बाद सस्ते आयातित तेलों की मांग बढ़ रही है। ऐसे में पाम तेल और सोयाबीन डीगम से बाजार के पाटे जाने की भरपूर खतरा है।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सरकार के तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की तमाम अपील का हकीकत रूप ले पाना मुश्किल ही मालूम देता है। उन्होंने कहा कि अगस्त माह के अंत में मंडी में आने वाली सोयाबीन की पैदावार जोरदार रहने की संभावना है। सवाल यह है कि सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले सोयाबीन और मूंगफली जैसी फसलों को बाजार में कैसे खपाया जाये।

उन्होंने कहा कि पिछले साल 20 प्रतिशत कम पैदावार होने के बावजूद किसानों के पास सोयाबीन का 20 से 25 प्रतिशत ऊपज बची हुई। इसके अलावा गुजरात में किसानों और सहकारी संस्था नाफेड के पास मूंगफली का भी काफी स्टॉक बचा हुआ है। किसानों और नाफेड के पास सरसों का लाखों टन स्टॉक भी बचा हुआ है। मजबूरन इन किसानों को अपनी फसल औने पौने दाम पर बेचने को विवश होना पड़ रहा है।

दूसरी ओर ‘ब्लेंडिंग’ के लिए सोयाबीन डीगम की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार रहा। जबकि सस्ते में बिक्री से बचने के लिए मंडी में कम फसल लाने से सरसों दाना (तिलहन) और सरसों तेल कीमतों के भाव पूर्ववत बने रहे।

शनिवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 4,665- 4,715 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 4,740 - 4,790 रुपये।

वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपये प्रति टिन।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,480 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,875 - 1,925 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,540 - 1,680 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,640 - 1,760 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,150 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,950 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 8,000 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 7,100 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,800 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,600 रुपये।

पामोलीन कांडला- 7,900 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,670- 3,695 लूज में 3,405--3,470 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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