स्वामी चक्रपाणि को संभावित खतरे का नियमित आकलन किया जा रहा : दिल्ली पुलिस

Edited By Updated: 23 Oct, 2021 09:34 AM

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नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया कि अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रमुख स्वामी चक्रपाणि को संभावित खतरे का नियमित आकलन किया जा रहा है। चक्रपाणि ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम से अपनी जान...

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया कि अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रमुख स्वामी चक्रपाणि को संभावित खतरे का नियमित आकलन किया जा रहा है। चक्रपाणि ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम से अपनी जान को खतरा होने का दावा किया है।
पुलिस ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ को बताया कि सुरक्षा के मामले की हर छह महीने पर समीक्षा करने की जरूरत होती है और चक्रपाणि द्वारा अपनी सुरक्षा बढ़ाए जाने के अनुरोध के मद्देनजर इसपर पांच नवंबर को पुनर्विचार किया जाएगा।
पुलिस ने बताया कि अगर सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई, तो उसकी छह महीने बाद समीक्षा की जाएगी।
अदालत चक्रपाणि की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने अधिकारियों को उनकी ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा बहाल करने का निर्देश देने अनुरोध किया है। इसके तहत पहले उनकी सुरक्षा में 33 पुलिस कर्मी लगाए थे और अब इस सुरक्षा को घटाकर ‘वाई’ श्रेणी का कर दिया गया है जिसके तहत महज तीन सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए हैं।

अदालत ने पुलिस की आकलन रिपोर्ट का अवलोकन किया जिसके मुताबिक अब भी यह मामला विचाराधीन है।

चक्रपाणि के वकील के कहा कि एक सुरक्षाकर्मी काफी बुजुर्ग है, इसपर न्यायाधीश ने कहा कि यहां तक उनका निजी सुरक्षा अधिकारी सेवानिवृत्त होने की कगार पर है लेकिन ‘मेरा मानना है कि उसका अनुभव उसे अधिक व्यवहार कुशल बनाता है।’’
सुनवाई के दौरान अदालत ने टिप्पणी की कि, ‘‘हमारे एक प्रधानमंत्री की हत्या भी सुरक्षाकर्मी द्वारा की गई थी।’’
दिल्ली पुलिस का पक्ष रख रहे अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता अनुज अग्रवाल ने पांच अक्टूबर की आकलन रिपोर्ट की प्रति अदालत में पेश की और कहा कि प्राधिकारी नियमित तौर पर संभावित खतरे का आकलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिसमें अदालत को पुलिस के आकलन में जाना चाहिए।
उन्होंन कहा कि प्राधिकारियों को नहीं लगता कि सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है और अगले छह महीने में इसकी दोबारा समीक्षा की जाएगी। प्राधिकारियों के रुख को देखते हुए अदालत ने कहा कि अगर इसके बावजूद याचिकाकर्ता की शिकायत होती है तो वह उचित कानूनी मदद मांग सकता है।

चक्रपाणि का पक्ष रखने के लिए अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि जिस स्तर की सुरक्षा दी गई है वह अपर्याप्त है और उनकी जान को गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि दाऊद इब्राहिम के साथ-साथ उनके मुवक्किल को छोटा शकील, उसके गुर्गों और अन्य असमाजिक तत्वों से खतरा है।

उच्च न्यायालय ने इससे पहले केंद्र को उसके स्थायी वकील अजय दिगपाल के जरिये और दिल्ली पुलिस को याचिकाकर्ता पर उत्पन्न खतरे का आकलन कर जवाब देने का निर्देश दिया था।
उल्लेखनीय है कि संत महासभा और अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि ने 23 सितंबर 2021 को बिना पूर्व जानकारी और कारण बताए उनकी सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी से घटाकर ‘वाई’ श्रेणी में करने के फैसले को चुनौती दी थी।
अधिवक्ता राजेश रैना के जरिये दाखिल याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की सुरक्षा मनमाने और अन्यायपूर्ण तरीके से हटाई गई जिससे उनकी जिंदगी और संपत्ति को खतरा उत्पन्न हो गया है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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