शीर्ष अदालत तृणमूल कांग्रेस की याचिका पर अब उच्च न्यायालय विचार करेगा

Edited By Updated: 02 Dec, 2021 08:28 PM

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नयी दिल्ली,दो दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि त्रिपुरा में निकाय चुनाव में अनियमितता और बिना किसी उकसावे के हिंसा के आरोप लगाने वाली तृणमूल कांग्रेस की याचिका पर अब उच्च न्यायालय विचार करेगा। न्यायालय ने कहा कि उसने...

नयी दिल्ली,दो दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि त्रिपुरा में निकाय चुनाव में अनियमितता और बिना किसी उकसावे के हिंसा के आरोप लगाने वाली तृणमूल कांग्रेस की याचिका पर अब उच्च न्यायालय विचार करेगा। न्यायालय ने कहा कि उसने केवल शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ही इसमे हस्तक्षेप किया था।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि अब चुनाव प्रकिया पूरी हो गयी है और परिणाम भी घोषित किए जा चुके हैं। ऐसी स्थिति में अनियमितता तथा हिंसा के आरोपों को त्रिपुरा उच्च न्यायालय देखेगा।

पीठ ने कहा,‘‘ चूंकि चुनाव प्रक्रिया पूर्ण हो गयी है, हम आपकी (तृणमूल कांग्रेस) याचिका पर उच्च न्यायालय द्वारा ही सुनवाई के पक्षधर हैं, जो आपके बचे हुए अनुरोधों पर गौर करेगा। ’’
त्रिपुरा सरकार की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिका उच्च न्यायालय में पहले से ही लंबित है, जिसमें समान अनुरोध हैं।

उन्होंने कहा,‘‘ इस अदालत ने दल की याचिका को इसलिए स्वीकार किया था क्योंकि उस वक्त उच्च न्यायालय अवकाश पर था, लेकिन इस अदालत को यह नहीं बताया गया था कि उन्होंने ही इसे अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने के लिए इसे स्थगित करने का अनुरोध किया था। उच्च न्यायालय को अवकाश के बाद 11 नवंबर को खुलना था लेकिन नौ नवंबर को उन्होंने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। ’’
मेहता ने कहा, ‘‘उन्होंने इस तथ्य को दबाया और अदालत को यह कहते हुए गुमराह किया कि वे उच्च न्यायालय के अवकाश में रहने के कारण शीर्ष अदालत में आने के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 के न्यायाधिकार के इस्तेमाल के वास्ते मजबूर हुए।’’
मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव में हिंसा से जुड़ी इसी प्रकार की एक अन्य याचिका उच्चतम न्यायालय के समक्ष आयी थी लेकिन उस वक्त उच्चतम न्यायालय ने उसे कलकत्ता उच्च न्यायालय के पास भेज दिया था, जो उसे देख रहा है।


तृणमूल कांग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायनन ने कहा कि न्यायालय के राज्य के गृह सचिव, डीजीपी और पुलिस को निर्देश के साथ विस्तृत आदेश जारी करने के बावजूद दुर्भाग्य से 112 सीटों पर चुनाव नहीं हो सके।


पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता ने कहा है कि किसी भी कारण से 112 सीटों पर चुनाव नहीं हो सके तो पार्टी के पास कानून के तहत उपाय मौजूद हैं।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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