शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय को देशमुख की जमानत अर्जी पर शीघ्र फैसला करने का निर्देश दिया

Edited By Updated: 26 Sep, 2022 05:51 PM

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नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किये गये महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी को लेकर सोमवार को नाखुशी प्रकट की और बंबई उच्च न्यायालय को इस मामले में...

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किये गये महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी को लेकर सोमवार को नाखुशी प्रकट की और बंबई उच्च न्यायालय को इस मामले में सुनवाई कर शीघ्र फैसला करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि जमानत की अर्जी देने वाले किसी भी व्यक्ति की यह जायज अपेक्षा होती है कि उसकी अर्जी का यथाशीघ्र तारीख पर निस्तारण कर दिया जाएगा।
न्यायालय ने कहा कि जमानत के आवेदन को लंबित रखना अनुच्छेद 21 के तहत जीवन जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि देशमुख की जमानत अर्जी उच्च न्यायालय में 21 मार्च से लंबित है।
पीठ ने कहा, ‘‘ हम निर्देश जारी करते हैं और याचिकाकर्ता को उन विद्वान न्यायाधीश के समक्ष कल ही आवेदन देने की अनुमति देते हैं, जिन्हें यह मामला (सुनवाई के लिए) सौंपा गया है। इस आवेदन पर इसी सप्ताह सुनवाई की जाए और शीघ्र उसपर फैसला किया जाए।’’
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने इस मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं दी है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन जे जामदार देशमुख की जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे हैं।
सुनवाई शुरू होने पर देशमुख (73) के वकील कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा कि जमानत अर्जी पर सुनवाई टाली जा रही है। उन्होंने अपने मुवक्किल के लिए अंतरिम जमानत मांगी।

ईडी की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत की अर्जी का विरोध किया और कहा कि शीर्ष अदालत को ऐसा कोई आदेश नहीं देना चाहिए।
देशमुख को नवंबर, 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। आठ अप्रैल को उच्च न्यायालय ने आकस्मिक चिकित्सा स्थिति का हवाला देकर जमानत अर्जियों पर तत्काल सुनवाई करने की मांग किए जाने के चलन की निंदा की थी और देशमुख के जमानत आवेदन पर सुनवाई स्थगित कर दी थी।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि चिकित्सा आधार पर की जा रही तत्काल सुनवाई की मांग समस्या बन गयी है।
राकांपा नेता देशमुख ने विशेष अदालत से अपनी जमानत अर्जी खारिज हो जाने के बाद उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। उन्होंने ईडी के मामले को झूठा करार दिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आरोप है कि गृहमंत्री रहने के दौरान देशमुख ने अपने पद का दुरूपयोग किया तथा पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के मार्फत बारों से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की। वाजे को बर्खास्त कर दिया गया है।

देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है।



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