अमेरिका भारत के जी20 अध्यक्ष बनने से ‘‘बहुत उत्साहित’’ है्: अमेरिका की प्रभारी राजदूत एलिजाबेथ जोंस

Edited By Updated: 02 Dec, 2022 10:09 PM

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नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) नयी दिल्ली द्वारा रूसी पेट्रोलियम उत्पादों का आयात बढ़ाने को लेकर पश्चिमी देशों की बढ़ती बेचैनी के बीच भारत में अमेरिका की प्रभारी राजदूत एलिजाबेथ जोंस ने शुक्रवार को कहा कि कच्चे तेल की रूस से खरीदारी करना किसी...

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) नयी दिल्ली द्वारा रूसी पेट्रोलियम उत्पादों का आयात बढ़ाने को लेकर पश्चिमी देशों की बढ़ती बेचैनी के बीच भारत में अमेरिका की प्रभारी राजदूत एलिजाबेथ जोंस ने शुक्रवार को कहा कि कच्चे तेल की रूस से खरीदारी करना किसी भी देश का संप्रभु निर्णय है।

भारत में सबसे वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने साथ ही कहा कि अमेरिका को यह उचित लगता है कि अन्य देश रूस को तेल से मिलने वाले राजस्व को कम करने में योगदान दें, ताकि वह यूक्रेन पर युद्ध के मकसद से अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए संसाधनों का उपयोग न कर सके।

राजनयिक ने संवाददातओं के एक समूह से कहा कि भारत के जी20 की अध्यक्षता संभालने पर अमेरिका ‘‘बहुत उत्साहित’’ है और भारत ने ‘‘बहुत जटिल दुनिया’’ में नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है।

जोंस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जी20 यूक्रेन में युद्ध को सुलझाने का मंच नहीं है और यह समूह का लक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय रूस को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि वह यूक्रेन में जो कर रहा है उसका वह कतई समर्थन नहीं करता है।

अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, रूस को अपने तेल की बिक्री से मिलने वाले राजस्व को जितना संभव हो सके, उतना कम करने की कोशिश की जा रही है ताकि वह उस राजस्व का उपयोग यूक्रेन पर युद्ध के मकसद से अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए नहीं कर सके।’’
जब पश्चिमी देश रूस को तेल की बिक्री से मिलने वाले राजस्व को कम करने की नीति का पालन कर रहे हैं, तो ऐसे में भारत द्वारा रूसी तेल के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि के संबंध में सवाल किए जाने पर जोंस ने कहा कि यह एक संप्रभु निर्णय होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘इस नीति का लक्ष्य रूस के राजस्व को कम करना है जिसका उपयोग रूस यूक्रेन में युद्ध जारी रखने के मकसद से अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में कर सकता है। यही लक्ष्य है। हमें लगता है कि अन्य देश इस बात पर गौर करें। तेल की खरीद के संदर्भ में उनका निर्णय संप्रभु है और इसे एक संप्रभु निर्णय ही होना चाहिए।’’
भारत द्वारा रूसी तेल के आयात में पिछले कुछ महीने में काफी वृद्धि हुई है।
भारत की जी20 अध्यक्षता से अमेरिका की अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर जोंस ने जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य मामलों का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता संभालने से बहुत उत्साहित हैं और मैं यह इसलिए कह रही हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक ऐसी बहुत जटिल दुनिया में भारत की नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित करता है जिसमें विशेष रूप से जलवायु, स्वास्थ्य शिक्षा, लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों संबंधी स्थितियों में सुधार के व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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