Edited By PTI News Agency,Updated: 18 Mar, 2023 07:43 PM

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शनिवार को कहा कि सीईएसटीएटी के सामने 80,000 मामले लंबित हैं। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि सरकार कर संबंधी मुकदमों को कम करने और पुराने मुकदमों के शीघ्र निपटान के उपाय सुझाने के लिए एक...
नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शनिवार को कहा कि सीईएसटीएटी के सामने 80,000 मामले लंबित हैं। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि सरकार कर संबंधी मुकदमों को कम करने और पुराने मुकदमों के शीघ्र निपटान के उपाय सुझाने के लिए एक समिति का गठन करेगी।
सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) के 40 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मल्होत्रा ने कहा कि कर कानूनों और नियमों में स्पष्टता लाने से मुकदमेबाजी को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित मुकदमे हमेशा एक चुनौती रहे हैं।
मल्होत्रा ने कहा, “हम सरकार में क्या करेंगे और हम सीईएसटीएटी से समर्थन मांगेंगे और सीबीआईसी हमारे साथ है। हम एक समूह का गठन कर विचार करेंगे कि लंबित मुकदमों को कम कैसे कर सकते हैं। चाहे वह कानून को सरल और स्पष्ट बनाने या प्रशिक्षण (अधिकारियों) के जरिए हो... उन तरीकों पर विचार किया जाएगा, जिनसे हम नए मुकदमों को कम कर सकते हैं और लंबित मामलों का शीघ्र निपटान कर सकते हैं।”
उन्होंने बताया कि सीईएसटीएटी इस समय पूर्ण क्षमता के साथ संचालित है और पिछले साल की रिक्तियां भरी जा चुकी हैं। हालांकि, न्यायाधिकरण के समक्ष अभी भी 80,000 मामले लंबित हैं।
उन्होंने कहा, “प्रत्येक साल लगभग 20,000 मामले दर्ज होते हैं। हम इन्हें निपटा रहे हैं, लेकिन इन्हें खत्म करने में सक्षम नहीं हैं।”
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