Edited By PTI News Agency,Updated: 11 May, 2023 08:35 PM
हैदराबाद, 11 मई (भाषा) भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) राजीव सिंह रघुवंशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि व्यवस्था में नियामक हस्तक्षेप को कम करना तथा इसे और सरल बनाना दवा नियामक की प्राथमिकता है।
हैदराबाद, 11 मई (भाषा) भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) राजीव सिंह रघुवंशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि व्यवस्था में नियामक हस्तक्षेप को कम करना तथा इसे और सरल बनाना दवा नियामक की प्राथमिकता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर यहां सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) में व्याख्यान देते हुए रघुवंशी ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में कई लाइसेंस और अन्य तरह के हस्तक्षेप मौजूद हैं, जिन्हें और अधिक सरल बनाने की गुंजाइश है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा विषय है, जिस पर हमें काम करना पड़ेगा।’’
फरवरी में पदभार ग्रहण करने वाले रघुवंशी ने कहा कि एक अन्य प्राथमिकता विषय विशेषज्ञ समिति को बेहतर करना है, जहां आईआईसीटी जैसे संगठन नए विशेषज्ञों को शामिल करने के मामले में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि नियमन को और अधिक शोध केंद्रित बनाया जाना चाहिए। रघुवंशी ने कहा कि डीसीजीआई का लक्ष्य डिजिटल क्षेत्र में लगातार अपनी मौजूदगी बढ़ाना भी है।
विदेशों में गुणवत्ता को लेकर समस्याओं का सामना कर रही कुछ भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित कफ सिरप के मुद्दे के समाधान के उपायों के बारे में पूछे जाने पर, रघुवंशी ने कहा कि ऐसे मामलों के लिए जिम्मेदार कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला में हस्तक्षेप करने सहित विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं।
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