Edited By Shubham Anand,Updated: 04 Oct, 2025 05:28 PM

बदलते मौसम में बच्चों में सर्दी, खांसी और जुकाम के मामले बढ़ रहे हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में डेक्सट्रोमेथॉर्फन और डायएथिलीन ग्लायकॉल युक्त कफ सिरप से बच्चों की मौतें हुईं। एक्सपर्ट और WHO का कहना है कि पांच साल से छोटे बच्चों को सिरप देना...
नेशनल डेस्क : बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम और खांसी के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं। हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में कुछ बच्चों की मौत डेक्सट्रोमेथॉर्फन और डायएथिलीन ग्लायकॉल युक्त कफ सिरप के सेवन के कारण हुई। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि छोटे बच्चों में कफ सिरप का प्रभाव कितना गंभीर हो सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या पांच साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप देना सुरक्षित है।
कफ सिरप के प्रकार और प्रभाव
कफ सिरप मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – ड्राई कफ सिरप और वेट कफ सिरप। ड्राई कफ सिरप सूखी खांसी को दबाने के लिए काम करता है, जबकि वेट कफ सिरप बलगम को पतला करके उसे बाहर निकालने में मदद करता है। कई सिरप में Dextromethorphan मौजूद होता है, जो दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है जो खांसी के सिग्नल भेजता है।
बच्चों में अधिक मात्रा में लेने पर यह नर्वस सिस्टम, सांस लेने की क्षमता और कभी-कभी दिल पर भी असर डाल सकता है। वहीं, एक्सपेक्टोरेंट तत्व बलगम को पतला करके खांसी को सहज करता है। कुछ सिरप में जहरीले तत्व जैसे Diethylene Glycol और Ethylene Glycol भी शामिल होते हैं, जो अधिक मात्रा में लेने पर बच्चों की किडनी, लीवर और नर्वस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
छोटे बच्चों में कफ सिरप का उपयोग – क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर प्रो. डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, WHO की राय है कि 5 साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप देना आमतौर पर सुरक्षित नहीं है। Dextromethorphan बच्चों में सांस की दिक्कत, चक्कर, उल्टी और बेहोशी पैदा कर सकता है। वहीं, Diethylene Glycol और Ethylene Glycol जैसे जहरीले तत्व किडनी और लीवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सिरप में शामिल प्रिज़र्वेटिव्स और स्वीटनिंग एजेंट्स लंबे समय तक या अधिक मात्रा में लेने पर पेट की समस्या, एलर्जी और संवेदनशील बच्चों में अन्य अंगों पर भी असर डाल सकते हैं। इसी वजह से विशेषज्ञ और WHO सलाह देते हैं कि छोटे बच्चों में सिरप की जगह प्राकृतिक उपाय और डॉक्टर की निगरानी में दवा ही इस्तेमाल की जाए।
कैसे बरतें सावधानी
5 साल से छोटे बच्चों को ओवर-द-काउंटर कफ सिरप न दें।
सिरप हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
लेबल पर लिखी सुरक्षित मात्रा का पालन करें।
छोटे बच्चों के लिए जहरीले केमिकल जैसे Diethylene Glycol और Ethylene Glycol से बने सिरप से बचें।
बच्चों में खांसी और सर्दी में गरम पानी, भाप, पर्याप्त पोषण और नींद को प्राथमिक उपचार मानें।
सिरप के इस्तेमाल के बाद असामान्य लक्षण जैसे उल्टी, चक्कर या सांस की दिक्कत दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।