Edited By Shubham Anand,Updated: 04 Sep, 2025 08:01 PM

डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक समस्या है जिसमें व्यक्ति लगातार उदासी, थकान और नकारात्मक सोच से पीड़ित रहता है। यह सोचने, काम करने और जीवन का आनंद लेने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसके कारणों में हॉर्मोनल असंतुलन, तनाव, खराब जीवनशैली और पारिवारिक इतिहास...
नेशनल डेस्क : डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक समस्या है, जिसमें व्यक्ति लगातार उदासी, थकान और नकारात्मक सोच से जूझता रहता है। यह केवल मन का खराब होना नहीं है, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति की सोचने, काम करने और जीवन का आनंद लेने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हॉर्मोनल असंतुलन, मस्तिष्क में रासायनिक बदलाव, तनावपूर्ण जीवन परिस्थितियां, दीर्घकालिक बीमारी या किसी बड़े नुकसान का दर्द शामिल हैं। इसके साथ ही खराब जीवनशैली, काम का अत्यधिक दबाव और सोशल मीडिया का अधिक उपयोग भी इस समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं। परिवार में किसी को डिप्रेशन होना भी इसकी संभावना को बढ़ा देता है।
डिप्रेशन के विभिन्न प्रकार होते हैं। सबसे आम प्रकार है मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर, जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक गहरे स्तर की उदासी महसूस करता है। इसके अलावा पर्सिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर में हल्के लेकिन लंबे समय तक रहने वाले लक्षण दिखाई देते हैं। महिलाओं में प्रसवोत्तर डिप्रेशन भी एक आम समस्या है, जो बच्चे के जन्म के बाद उत्पन्न होती है। इसके अलावा मौसम बदलने पर प्रभावित होने वाला सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर भी डिप्रेशन का एक रूप है। खास तौर पर वे लोग जो मानसिक तनाव, हॉर्मोनल असंतुलन, पुरानी बीमारियों या पारिवारिक इतिहास से प्रभावित होते हैं, उन्हें डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है। महिलाएं, किशोर एवं बुजुर्ग वर्ग इस रोग के प्रति संवेदनशील होते हैं। साथ ही, शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले लोग भी डिप्रेशन की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
डिप्रेशन की शुरुआत छोटे-छोटे लक्षणों से होती है, जैसे लगातार उदासी या खालीपन महसूस करना। नींद में बाधा, चिड़चिड़ापन, थकान और किसी कार्य में रुचि का खत्म होना इसके प्रारंभिक संकेत हैं। इसके अलावा खाने की आदतों में भी बदलाव आ सकते हैं, जैसे अधिक खाने लगना या भूख न लगना। आत्मविश्वास की कमी, नकारात्मक सोच और अपने आप को बेकार समझना भी इसके लक्षणों में शामिल हैं।
जब ये लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं और व्यक्ति के कार्य, संबंध और दैनिक जीवन को प्रभावित करने लगते हैं, तो स्थिति गंभीर हो जाती है। गंभीर डिप्रेशन में आत्महत्या के विचार आना भी संभव है। इसलिए, शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
कैसे करें डिप्रेशन से बचाव?
पौष्टिक आहार का सेवन करें।
नियमित व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
पर्याप्त नींद लें और सोने-जागने का समय निर्धारित करें।
तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन या रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें।
नशे के पदार्थों से दूर रहें।
अपने विचारों और भावनाओं को परिवार या दोस्तों के साथ साझा करें।
जरूरत पड़ने पर तुरंत डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।