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SIP की एक भी किस्त छोड़ना पड़ सकता है भारी, जानिए कैसे आपकी पूरी मेहनत की कमाई खराब हो सकती है बर्बाद

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 08 Jul, 2025 11:45 AM

disadvantages of skipping installment in sip investment

सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेश का सबसे बड़ा फायदा होता है उसकी निरंतरता। लोग अक्सर सोचते हैं कि अगर कभी-कभार एक किस्त छोड़ भी दें तो कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन यह सोच आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती...

नेशनल डेस्क: सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेश का सबसे बड़ा फायदा होता है उसकी निरंतरता। लोग अक्सर सोचते हैं कि अगर कभी-कभार एक किस्त छोड़ भी दें तो कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन यह सोच आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती है। एक या दो किस्तें मिस करने से आपकी मेहनत की कमाई पर बड़ा असर पड़ सकता है और निवेश से मिलने वाले रिटर्न में भारी कमी आ सकती है।

क्यों न करें SIP की किस्त छोड़ने की गलती?

SIP निवेश की ताकत कंपाउंडिंग पर निर्भर करती है, यानी आपकी निवेश की रकम समय के साथ बढ़ती जाती है क्योंकि उससे जुड़ा ब्याज भी वापस निवेश में शामिल होता रहता है। अगर आप एक किस्त छोड़ते हैं तो कंपाउंडिंग का यह चक्र टूट जाता है। ऐसा मान लीजिए कि आप हर महीने 5,000 रुपये की SIP करते हैं और औसतन 12% रिटर्न की उम्मीद करते हैं। 20 साल तक लगातार निवेश करने पर आपको करीब 45 लाख रुपये का फंड मिलेगा। लेकिन अगर एक साल की SIP आप छोड़ देते हैं तो आपकी कुल राशि घटकर करीब 40 लाख रुपये रह जाती है। मतलब आपका 5 लाख रुपये का नुकसान हो गया।

गिरते बाजार में SIP से घबराएं नहीं, ये मौका है निवेश का

जब बाजार गिरते हैं तो SIP करने वाले निवेशकों के लिए ये समय सबसे अच्छा होता है। क्योंकि कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। लेकिन कई निवेशक इसी समय अपनी SIP की किस्त छोड़ देते हैं, सोचते हैं कि थोड़ा ब्रेक ले लें। यह सबसे बड़ी भूल है क्योंकि जैसे ही बाजार फिर से बढ़ने लगता है, उनका फायदा कम हो जाता है। इसलिए बाजार के नीचे जाने पर निवेश करना बंद नहीं करना चाहिए बल्कि यह निवेश का डिस्काउंट सीजन समझना चाहिए।

SIP छोड़ने से सपनों की डेडलाइन दूर हो जाती है

SIP इसलिए किया जाता है ताकि हम बड़े वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर सकें जैसे कि घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा या रिटायरमेंट की प्लानिंग। अगर आप SIP स्किप करते हैं तो उस लक्ष्य को हासिल करने का समय बढ़ जाता है। और हो सकता है कि बाद में आपको उस लक्ष्य के लिए अधिक राशि निवेश करनी पड़े जो आपकी आर्थिक स्थिति के लिए मुश्किल हो। उदाहरण के तौर पर, आज जो 5,000 रुपये आप नहीं लगा रहे हैं, भविष्य में आपको 15,000 रुपये तक निवेश करने पड़ सकते हैं।

महंगाई बढ़ रही है, बचत क्यों रुकनी चाहिए?

महंगाई की दर हर साल बढ़ती ही जाती है, आमतौर पर 6% के आसपास। इसका मतलब है आज की एक रुपया कल की तुलना में कम कीमत का होगा। अगर आप SIP को छोड़ देते हैं तो आपकी बचत रुकेगी लेकिन महंगाई बढ़ती रहेगी। इसका नतीजा यह होगा कि आपकी रिटायरमेंट या भविष्य के लिए रखी गई रकम कम पड़ सकती है। इसलिए लगातार निवेश करना जरूरी है ताकि महंगाई के असर को मात दी जा सके।

एक किस्त छोड़ना आदत बन जाए तो बड़ा नुकसान

निरंतर निवेश करने की आदत ही आपकी वित्तीय सफलता की असली चाबी है। अगर आप एक बार किस्त छोड़ते हैं तो आपका दिमाग उस अतिरिक्त कैश का आदी हो जाता है और अगली बार भी किस्त छोड़ना आसान लगने लगता है। धीरे-धीरे यह आदत बन जाती है और अंत में आपका निवेश ही बंद हो जाता है। इसलिए अपने आप को ऐसी गलती करने से बचाएं।

SIP छोड़ने की बजाय करें ये उपाय

अगर किसी वजह से आपको फाइनेंशियल दबाव महसूस हो रहा है तो SIP को पूरी तरह बंद न करें। आप कुछ बदलाव कर सकते हैं जिससे निवेश जारी रह सके।

  • SIP की राशि कम कर दें, अगर ₹5,000 नहीं तो ₹500 भी निवेश जारी रखने के लिए अच्छा है।

  • फाइनेंशियल इमरजेंसी में SIP रोकने की बजाय आप अपनी इमरजेंसी फंड का उपयोग करें।

  • SIP को ऑटोमेट करवा लें ताकि पैसे अपने आप कटते रहें और आप भूलें नहीं।

SIP स्किप करना नहीं बल्कि फाइनेंशियल इमरजेंसी को समझें

जब भी आप SIP की किस्त छोड़ते हैं, सोचिए कि वह किस्त आपके भविष्य के लिए बनाई जा रही एक नींव है। उसे कमजोर करने का मतलब अपने फाइनेंशियल सपनों को खतरे में डालना है। SIP से जुड़े निवेशकों को समझना चाहिए कि निरंतरता ही सफलता की गारंटी है।

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