Edited By Shubham Anand,Updated: 16 Oct, 2025 09:25 PM

ऑस्ट्रेलिया में 92 वर्षीय डॉक्टर जॉन लेविन और उनकी 37 वर्षीय पत्नी ने बेटे गैबी का स्वागत किया। यह उनके पहले बेटे की मौत के पांच महीने बाद हुआ। विशेषज्ञों के अनुसार बुजुर्ग पिता बनने से बच्चों में जेनेटिक, विकास संबंधी और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते...
नेशनल डेस्क: इंटरनेट पर एक अनोखी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया के 92 वर्षीय डॉक्टर जॉन लेविन और उनकी 37 वर्षीय पत्नी डॉक्टर यानयिंग लु ने एक बेटे का स्वागत किया है, जिसका नाम गैबी रखा गया है। सबसे खास बात यह है कि उनका यह बेटा उनके पहले बेटे की मौत के मात्र पांच महीने बाद जन्मा, जो 65 वर्ष की उम्र में मोटर न्यूरॉन डिजीज के कारण चल बसा था।
क्या इतनी उम्र में पिता बनना संभव है?
92 वर्ष की उम्र में पिता बनना अपने आप में एक अनोखी घटना है। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे पुरुष की उम्र बढ़ती है, उनकी प्रजनन क्षमता और स्पर्म की क्वालिटी में गिरावट आती है। इसके परिणामस्वरूप बच्चों में जेनेटिक म्यूटेशन और क्रोमोसोमल असामान्यताओं का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन के BMJ जर्नल की स्टडी के अनुसार, बुजुर्ग पिताओं के बच्चों में ऑटिज्म, स्किजोफ्रेनिया और विकास संबंधी समस्याओं का जोखिम सामान्य से अधिक होता है। इसके अलावा गर्भपात, समय से पहले प्रसव और कम वजन वाले शिशुओं की संभावना भी बढ़ जाती है।
मां और बच्चे पर पड़ने वाले असर
इतनी अधिक उम्र में पिता बनने पर गर्भावस्था और बच्चे के विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। गर्भकाल में मां पर अतिरिक्त दबाव आता है और अक्सर IVF या अन्य आर्टिफिशियल रिप्रोडक्शन तकनीक की जरूरत पड़ती है। अमेरिका के Stanford University School of Medicine के शोध अनुसार, 45 वर्ष से अधिक उम्र के पिताओं के बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम सामान्य से कहीं अधिक होते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना भले ही प्रेरणादायक लगे, लेकिन आम लोगों के लिए अत्यधिक खतरनाक है। 92 साल की उम्र में पिता बनने का यह मामला विशेष परिस्थितियों और उच्च चिकित्सा देखभाल के तहत ही संभव हुआ है। बच्चों के विकास और स्वास्थ्य के लिए उम्रदराज जोड़ों को गंभीर मेडिकल काउंसलिंग के बाद ही प्रजनन संबंधी निर्णय लेने की सलाह दी जाती है।