Edited By Sahil Kumar,Updated: 08 Sep, 2025 07:52 PM

ब्रेन स्ट्रोक मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह रुकने या फटने से होने वाली गंभीर स्थिति है, जो समय पर इलाज न मिलने पर लकवा या जानलेवा हो सकती है। अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जुबैर सरकार ने बताया कि शुरुआती लक्षण जैसे चेहरे का तिरछापन,...
नेशनल डेस्कः ब्रेन स्ट्रोक एक अचानक और गंभीर बीमारी है, जो मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह रुकने या रक्त वाहिका फटने के कारण होती है। इस स्थिति में मस्तिष्क की कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और यदि समय पर इलाज न मिले तो मरीज को लकवा, बोलने-समझने में समस्या या यहां तक कि जान का खतरा भी हो सकता है। अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जुबैर सरकार के अनुसार, शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है, इसलिए जागरूकता और समय पर चिकित्सा सहायता बेहद जरूरी है।
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के कंसलटेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जुबैर सरकार ने बताया कि अक्सर लोग स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि ये संकेत समय रहते इलाज का पहला मौका होते हैं। डॉ. जुबैर का कहना है कि जागरूकता और तुरंत मेडिकल सहायता से स्ट्रोक के घातक परिणामों को रोका जा सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण
- चेहरे का एक हिस्सा तिरछा हो जाना या मुस्कान बिगड़ना।
- शरीर के एक ओर हाथ-पैर में अचानक कमजोरी या सुन्नपन।
- बोलने में अस्पष्टता या समझने में कठिनाई।
- अचानक धुंधला दिखाई देना या एक आँख से दृष्टि की कमी।
- बार-बार चक्कर आना, संतुलन बिगड़ना और बिना वजह तेज सिरदर्द।
लक्षण पहचानने का आसान तरीका है F.A.S.T फॉर्मूला
- F (Face): चेहरे का टेढ़ापन देखें।
- A (Arm): दोनों हाथ उठाने पर यदि एक हाथ नीचे गिर जाए।
- S (Speech): बोलने में अस्पष्टता या हकलाहट हो।
- T (Time): तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ. जुबैर सरकार ने जोर दिया कि स्ट्रोक के मामले में “समय ही जीवन है।” जितनी जल्दी मरीज अस्पताल पहुंचेगा, उतना बेहतर इलाज संभव होगा और गंभीर दुष्परिणामों से बचा जा सकेगा। सावधानियां भी बेहद जरूरी हैं। स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ का नियंत्रण आवश्यक है। धूम्रपान और शराब से बचाव, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखते हैं। इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल और हृदय की नियमित जांच, तनाव कम करना तथा योग-ध्यान को अपनाना फायदेमंद होता है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि हल्के सिरदर्द, चक्कर या कमजोरी को कभी भी मामूली न समझें, खासकर उन लोगों को जो परिवार में हृदय रोग या स्ट्रोक के इतिहास से जुड़े हैं। जागरूकता, सतर्कता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।