सुविधाओं के अभाव में-देश के 1000 पुलिस थाने चल रहे हैं भगवान भरोसे!

Edited By ,Updated: 16 Mar, 2023 05:44 AM

due to lack of facilities  1000 police stations of the country are running

लोगों को सुरक्षा प्रदान करने और समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है परंतु अनेक पुलिस थानों में संसाधनों तथा सुविधाओं का अभाव पुलिस बलों के सुचारू ढंग से काम करने के रास्ते में बाधा पैदा कर रहा है।

लोगों को सुरक्षा प्रदान करने और समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है परंतु अनेक पुलिस थानों में संसाधनों तथा सुविधाओं का अभाव पुलिस बलों के सुचारू ढंग से काम करने के रास्ते में बाधा पैदा कर रहा है। देश के अनेक पुलिस थानों में आमतौर पर शौचालयों आदि की कमी के समाचार तो आते ही रहते हैं अब 2 अलग-अलग रिपोर्टों में पुलिस थानों में सुविधाओं व बुनियादी ढांचे के गंभीर अभाव का खुलासा किया गया है।

14 मार्च को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश में इस समय 17,535 पुलिस थाने चल रहे हैं। इनमें से 628 थानों में कोई टैलीफोन कनैक्शन नहीं है, 285 थानों में वायरलैस सैट या मोबाइल फोन नहीं हैं और 63 पुलिस थाने तो बिना किसी वाहन के ही गुजारा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार झारखंड के 564 पुलिस थानों में से 47 में कोई वाहन नहीं है, 211 पुलिस थानों में कोई लैंडलाइन टैलीफोन नहीं है और 31 थाने तो बिना मोबाइल फोन या वायरलैस सैट के ही चल रहे हैं।

पंजाब के 431 पुलिस थानों में से 35 में इसी तरह की सुविधाओं की कमी है। उत्तर प्रदेश के 1783 पुलिस थानों में से 175 के पास वायरलैस सैट या मोबाइल फोन की सुविधा नहीं है अर्थात लगभग 1000 पुलिस थाने ‘भगवान भरोसे’ ही चल रहे हैं। इससे पूर्व एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि अनेक राज्यों में तो पुलिस के पास अपने भवन ही नहीं हैं जिन्हें किराए के मकानों में या कई जगह फैमिली क्वार्टरों में चलाया जा रहा है।

इसी प्रकार पंजाब विधानसभा की ‘अनुमान समिति’ ने राज्य विधानसभा के बजट अधिवेशन के दौरान पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पंजाब में पाकिस्तान की सीमा के साथ लगते इलाकों में स्थित पुलिस थानों के पास सिर्फ एक-एक गाड़ी है। रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया है कि ये गाडिय़ां 80 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक रफ्तार से चलने में असमर्थ होने के परिणामस्वरूप गैंगस्टरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आधुनिक तेज रफ्तार गाडिय़ों का मुकाबला नहीं कर पातीं।

पंजाब पुलिस की कारगुजारी तथा इसके बुनियादी ढांचे पर कठोर टिप्पणी करते हुए समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हालांकि पंजाब में हरियाणा सहित दूसरे राज्यों से नशे आ रहे हैं परंतु बदनामी पंजाब की हो रही है। चूंकि इन गाडिय़ों का इस्तेमाल करके ऐसे अपराधियों को नहीं पकड़ा जा सकता इसलिए सीमांत क्षेत्रों की पुलिस चौकियों तथा पुलिस थानों के लिए तेज रफ्तार गाडिय़ां खरीदना जरूरी है।

इसके साथ ही समिति ने, जिसमें 13 विधायक और विधानसभा सचिवालय के 3 अधिकारी शामिल हैं, अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि हमारे पुलिस थानों का बुनियादी ढांचा भी बहुत खराब है। रिपोर्ट के अनुसार वहां तो पुलिस कर्मचारी तक सुरक्षित नहीं हैं। हवालातें खस्ता हालत में हैं और वेटिंग रूम भी नहीं हैं। इसे देखते हुए समिति ने पंजाब के गृह मंत्रालय और न्याय विभाग से पुलिस द्वारा सीमांत क्षेत्रों में छापामारी के लिए तेज रफ्तार वाहन खरीदने की सिफारिश की है और इसके साथ ही यह भी कहा है कि वह यह मामला मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास उठाएगी जिनके पास गृह मंत्रालय भी है।

कानून के रखवाले माने जाने वाले पुलिस कर्मियों से इस प्रकार की हालत में प्रभावी ढंग से काम करने में समस्याओं का पैदा होना स्वाभाविक ही है, अत: सम्बन्धित सरकारों को इन रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द इन त्रुटियों को दूर करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए ताकि पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी बेहतर ढंग से निभा सकें और देश की सुरक्षा बेहतर हो। -विजय कुमार  

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