Edited By ,Updated: 01 Jan, 2024 07:14 AM
अब जबकि आज हम नव वर्ष 2024 में प्रवेश कर गए हैं, हर किसी की यही जिज्ञासा है कि बीत चुके वर्ष 2023 की तरह नए वर्ष में भारत की क्या अपेक्षाएं और आशाएं हैं। एक वर्ष पहले ही ‘साऊथ एशिया ब्रीफ’ ने भविष्यवाणी कर दी थी कि ‘‘2023 भारत के लिए अवसरों का वर्ष...
अब जबकि आज हम नव वर्ष 2024 में प्रवेश कर गए हैं, हर किसी की यही जिज्ञासा है कि बीत चुके वर्ष 2023 की तरह नए वर्ष में भारत की क्या अपेक्षाएं और आशाएं हैं। एक वर्ष पहले ही ‘साऊथ एशिया ब्रीफ’ ने भविष्यवाणी कर दी थी कि ‘‘2023 भारत के लिए अवसरों का वर्ष होगा। बढ़ती अर्थव्यवस्था और जी-20 की अध्यक्षता के साथ इसने अपनी वैश्विक प्रोफाइल को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तैयारी के साथ यह आयोजन किया और वैश्विक समुदाय पर अपनी नेतृत्व क्षमता की छाप छोड़ने में सफल भी रहा।’’
उल्लेखनीय है कि 2023 में भारत ने चंद्रमा पर ऐतिहासिक लैंडिंग करने के अलावा सूर्य पर अनुसंधान के लिए अपना पहला सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ सफलतापूर्वक लांच करने के अलावा अन्य अनेक उपलब्धियां हासिल कीं तथा विश्व क्रिकेट कप 2023 एवं ‘शंघाई सहयोग संगठन’ के शिखर सम्मेलन सहित अनेक प्रमुख वैश्विक कार्यक्रमों की मेजबानी करने का गौरव प्राप्त किया। भारत की इन उपलब्धियों पर कुछ राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि वर्ष 2024 में भारत वापस जमीन पर आ जाएगा क्योंकि इस वर्ष यह जी-20 जैसे आयोजन का नेतृत्व नहीं करेगा जो नई दिल्ली की विदेश नीति संबंधी शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक था और जिसने भारत को आधिकारिक तौर पर विकसित देशों एवं वैश्विक दक्षिण के बीच सेतु की भूमिका निभाने का मौका दिया था।
राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार हालांकि वर्ष 2024 में भी वैश्विक दक्षिण देशों के साथ इसकी उच्च स्तरीय कूटनीति होगी जिसमें छोटे और रणनीतिक रूप से कम महत्वपूर्ण देश भी शामिल हैं।
यहां भारत का मुकाबला स्वयं को वैश्विक दक्षिण नेता के रूप में पेश करने वाले चीन से होगा जिसका वैश्विक समुदाय पर भारत की अपेक्षा अधिक प्रभाव है विशेष कर लैटिन अमरीका में जहां भारत की मामूली उपस्थिति है। चूंकि पश्चिमी देशों के साथ चीन के संबंध दिल्ली की तरह मजबूत नहीं हैं इसलिए भारत संभावित रूप से वर्ष 2024 में भी वैश्विक दक्षिण के लिए एक सेतु बनने का अधिक ठोस दावा कर सकता है परंतु 2023 में हुई कुछ हत्याओं को लेकर अमरीका और कनाडा के आरोपों के बाद इसे पश्चिमी देशों के साथ संभावित राजनयिक चुनौतियों के बीच काम करने की जरूरत पड़ेगी।
राजनीतिक प्रेक्षकों की राय के विपरीत भारत का भविष्य सिर्फ जी-20 पर निर्भर नहीं है। भारत का भविष्य इसके जुझारू वर्करों, पढ़े-लिखे युवाओं पर निर्भर करता है, वहीं भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली इसे दक्षिण एशिया के देशों में सबसे ऊपर रखती है। उल्लेखनीय है कि इस नए वर्ष के दौरान विश्व के 64 देशों में चुनाव होने जा रहे हैं जहां लोकतांत्रिक विधि से चुनावों द्वारा नई सरकारें अस्तित्व में आएंगी। इनमें भारत, यूरोपीय संघ, अमरीका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बंगलादेश, रशियन फैडरेशन, मैक्सिको, ईरान, फिनलैंड, मॉरीशस, भूटान आदि शामिल हैं परन्तु इनमें सबसे बड़ा और सर्वाधिक जनसंख्या वाला जीवंत लोकतंत्र तो भारत ही है जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। हमारे देश की सरकार और विपक्षी दल सभी सजीव और सक्रिय हैं और दोनों अपनी-अपनी भूमिका सक्रियतापूर्वक निभा रहे हैं जिसमें पाकिस्तान जैसे देशों की भांति कहीं कोई रोक-टोक नहीं है।
हमारा लोकतंत्र हमारी प्रगति का एक मूल स्तंभ है, वहीं दूसरा बड़ा कारण है यहां बड़ी तेजी से हो रहा औद्योगीकरण और प्रौद्योगिकी का विकास, जिसके दम पर हमारा देश बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा में निवेश कर रहा है। हमारी प्रगति का दूसरा आधार है बड़ी मात्रा में महत्वपूर्ण थोरियम धातु का भंडार जिसमें हम फ्रांस और आइसलैंड के बाद विश्व में तीसरे स्थान पर हैं। भारत के पास थोरियम से ऊर्जा बनाने की तकनीक 90 के दशक से है परन्तु इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था। थोरियम से ऊर्जा पैदा करने की योजना विचाराधीन है। यदि हम इसी प्रकार अपनी प्रौद्योगिकी को उन्नत करते रहे तो चाहे जी-20 जैसे सम्मेलन हों या न हों, हम अपने दम पर आगे बढ़ते जाएंगे।
सबसे बड़ी बात यह है कि आपसी सम्बन्धों के मामले में हम न अमरीका और न ही रूस पर निर्भर हैं। हमने दोनों देशों के बीच संतुलन बना कर अपना स्वतंत्र अस्तित्व कायम रखा है जबकि अमरीका या रूस किसी भी खेमे के साथ जुडऩे वाले देशों को इन की नीतियों तले दब कर काम करना पड़ता है उनकी अर्थव्यवस्था खराब ही होती है। अमरीका जब चाहे ऐसे देशों को अपनी आॢथक सहायता का आश्रित बना कर उस देश की नीति बदल देता है और रूस के साथ जाने वालों की भी प्रगति कम हो जाती है। अत: हमारी स्वतंत्र नीति और प्रौद्योगिकी में सफलताओं के दृष्टिगत लगता है कि भारत का यह वर्ष भी काफी सफलता के नए आयाम स्पर्श करने वाला सिद्ध होगा। पाठकों को नव वर्ष 2024 की शुभकामनाएं देते हुए हम आशा करते हैं कि यह नया वर्ष बीते वर्ष 2023 से बेहतर होगा।