बसों में आग लगने की घटनाएं लापरवाही बन रही यात्रियों की जान की दुश्मन

Edited By ,Updated: 10 Dec, 2023 05:09 AM

incidents of fire in buses are happening due to negligence

अब तक तो रेलगाड़ियों में ही आग लगने की घटनाएं सुनने में आती थीं, परन्तु पिछले कुछ समय से यात्री बसों में आग लगने की घटनाओं में भारी वृद्धि देखने में आई है, जिससे यात्रियों के प्राण जोखिम में पड़ रहे हैं।

अब तक तो रेलगाड़ियों में ही आग लगने की घटनाएं सुनने में आती थीं, परन्तु पिछले कुछ समय से यात्री बसों में आग लगने की घटनाओं में भारी वृद्धि देखने में आई है, जिससे यात्रियों के प्राण जोखिम में पड़ रहे हैं। 

* 1 जुलाई को देर रात नागपुर (महाराष्ट्र) से पुणे जा रही एक बस में बुलढाणा के निकट आग लग जाने से उसमें सवार 33 यात्रियों में से 3 बच्चों सहित 25 यात्रियों की जल कर मौत हो गई। 
* 8 नवम्बर रात को दिल्ली से जयपुर जा रही एक चलती स्लीपर बस में गुरुग्राम के निकट आग लग जाने से बस जल कर राख हो गई और उसमें सवार 2 यात्रियों की मौत तथा 12 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। 

* 27 नवम्बर को लखनऊ में एक एयरकंडीशंड बस अचानक आग की लपटों में घिर गई तथा बड़ी मुश्किल से खिड़कियों के रास्ते यात्रियों को बाहर निकाला गया। इस घटना के दौरान बस कंडक्टर बुरी तरह झुलस गया।
* 27 नवम्बर को ही प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से लखनऊ जा रही रोडवेज की शताब्दी बस आग लगने के परिणामस्वरूप जल कर राख हो गई, परन्तु किसी तरह सवारियों ने बाहर निकल कर अपनी जान बचा ली। 

* 28 नवम्बर को एटा (उत्तर प्रदेश) से आगरा जा रही उत्तर प्रदेश परिवहन की बस में रात 3 बजे अज्ञात कारणों से आग लग गई तथा बड़ी मुश्किल से यात्रियों ने खिड़की और दरवाजों से कूद कर जान बचाई। आग से बस पूरी तरह जल कर राख हो गई।
* 28 नवम्बर को ही बेंगलुरु (कर्नाटक) से केरल जा रही एक प्राइवेट बस में आग लग जाने से ड्राइवर और कंडक्टर ने नीचे कूद कर जान बचाई। दुर्घटना के कारण हाईवे पर लम्बा जाम लग गया। आग इतनी भयानक थी कि काफी दूर से लपटें और धुएं का गुबार दिखाई दे रहा था। 

* 28 नवम्बर को ही मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में ‘नगला राई’ गांव के निकट यात्रियों से भरी एक प्राइवेट बस में आग लग जाने से हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद पानी डाल कर आग पर काबू तो पा लिया लेकिन इस दौरान अनेक यात्रियों का सामान जलकर राख हो गया और बस का अगला हिस्सा भी नष्ट हो गया। 
* 30 नवम्बर को बठिंडा (पंजाब) से बरनाला आ रही एक बस में बरनाला के निकट अचानक आग लग गई तथा यात्रियों ने बड़ी मुश्किल से कूद कर जान बचाई।
* 5 दिसम्बर को रात के 2.30 बजे नालगोंंडा (तेलंगाना) में हैदराबाद से चिराला जा रही एक बस में आग लग जाने के परिणामस्वरूप एक यात्री की जिंदा जल जाने से मौत तथा 38 अन्य यात्री बुरी तरह झुलस गए। बताया जाता है कि बस में रखे ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग तेजी से भड़की। 

* 7 दिसम्बर को तड़के 3 बजे सतारा (महाराष्ट्र) के कराड में हज यात्रा के लिए 40 यात्रियों को ले जा रही बस के पिछले हिस्से में इलैक्ट्रिक वायरिंग में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई, जिसका पता चलने पर ड्राइवर ने आनन-फानन में बस को किनारे खड़ी करके यात्री उतार कर उनकी जान बचा ली, परंतु बस जल कर राख हो गई। 

* 7-8 दिसम्बर की मध्य रात्रि को सांगारेड्डी (तेलंगाना) में हैदराबाद से मुम्बई जा रही एक प्राइवेट बस में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई। ड्राइवर ने बस किनारे लगा कर यात्रियों को उतार दिया जिससे कोई दुखद घटना तो टल गई परंतु कुछ ही देर में बस जल कर राख हो गई। उल्लेखनीय है कि संंबंधित प्रशासन द्वारा सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज करने, ट्रांसपोर्ट आप्रेटरों द्वारा सुरक्षा नियमों का पालन न करने और सही ढंग से रख-रखाव न करने के कारण इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही हैं। जैसा कि उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है, अन्य बातों के अलावा इलैक्ट्रिक शॉर्ट सॢकटेंतथा प्रतिबंधित ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा करना भी दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है। अत: इस ओर तथा बसों के रख-रखाव की ओर ध्यान न देकर यात्रियों के प्राणों को संकट में डालने वाले ट्रांसपोर्ट आप्रेटरों के विरुद्ध तुरंत कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।—विजय कुमार

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