‘बुजुर्गों के प्रति संतानों द्वारा’ किया जा रहा अत्याचार!

Edited By Updated: 16 Nov, 2025 07:04 AM

atrocities being committed by children against the elderly

पुराने समय में माता-पिता के एक ही आदेश पर संतानें सब कुछ करने को तैयार रहती थीं परंतु आजकल बहुत सी संतानें अपनी शादी के बाद अपने माता-पिता की ओर से आंखें फेर लेती हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी न किसी तरह उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करना ही रह जाता है...

पुराने समय में माता-पिता के एक ही आदेश पर संतानें सब कुछ करने को तैयार रहती थीं परंतु आजकल बहुत सी संतानें अपनी शादी के बाद अपने माता-पिता की ओर से आंखें फेर लेती हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी न किसी तरह उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करना ही रह जाता है जिस कारण बुजुर्ग अपनी ही संतानों के हाथों अत्याचारों का शिकार हो रहे हैं जिसके पिछले 7 महीनों के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 11 अप्रैल को ‘सफीदों’ (हरियाणा) के गांव ‘भुसलाना’ में एक युवक ने सम्पत्ति बंटवारे के विवाद में अपने माता-पिता को डंडों और लात-घूंसों से पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। 
* 7 जून को ‘फर्रुखाबाद’ (उत्तर प्रदेश) के ‘अताईपुर’ गांव में एक वृद्धा ने अपने कलियुगी बेटे के विरुद्ध मकान अपने नाम लिखवाने के मकसद से उसे बेरहमी से मारपीट कर घायल करने तथा गाली-गलौच करने के आरोप में पुलिस में केस दर्ज करवाया। 
* 23 अक्तूबर को ‘जौनपुर’ (उत्तर प्रदेश) के ‘सिरौली’ गांव में सम्पत्ति विवाद को लेकर ‘शाम कृष्ण’ नामक एक युवक ने अपने पिता ‘कैलाशनाथ’ और मां ‘सरोजा देवी’ को पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया। 

* 28 अक्तूबर को ‘मेरठ’ (उत्तर प्रदेश) के ‘पथौली’ गांव में सम्पत्ति विवाद को लेकर 2 युवकों ने अपने बीमार माता-पिता की पिटाई कर दी और सम्पत्ति अपने नाम न करने पर उन्हें घर से निकाल दिया। 
* 9 नवम्बर को ‘सोहना’ (हरियाणा) में पुलिस ने एक 31 वर्षीय व्यक्ति को अपने पिता से मारपीट करने और उसे बंधक बनाकर उसकी सम्पत्ति हड़पने के इरादे से कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
* 12 नवम्बर को ‘भागलपुर’ (बिहार) के ‘शाहबाद’ गांव में सम्पत्ति के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में ‘रुपेश ठाकुर’ नामक एक युवक को अपने पिता ‘प्रदीप ठाकुर’ और छोटे भाइयों पर लाठी-डंडों से हमला करके उन्हें गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया। 

* और अब 13 नवम्बर को ‘महेंद्रगढ़’ (हरियाणा) में जमीन हड़पने के लिए अपनी मां को बुरी तरह पीटने के आरोप में महिला के बेटे तथा पोते के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। 
महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि पहले उसका बेटा उसके पति से मारपीट करता था जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी और उसके बाद वह अपने छोटे बेटे के घर रहने लगी पर यहां भी आकर उसके बड़े बेटे और पोते ने मारपीट करके उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। 

* 13 नवम्बर को ही ‘हरिद्वार’ (उत्तराखंड) में एस.डी.एम. ‘हरिद्वार’ ने एक वृद्धा के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए उसके बेटे और बहू को वृद्धा के घर से बाहर निकल जाने का आदेश जारी किया। वृद्ध महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसके पति की मृत्यु के बाद उसने अपनी सारी सम्पत्ति अपने बेटे के नाम कर दी थी, जिसके बाद उसने बहू-बेटे द्वारा पिटाई करने, धमकाने और कई बार खाना भी न देने पर न्याय की गुहार एस.डी.एम. की कोर्ट में लगाई। 

इसी तरह की घटनाओं को देखते हुए ‘बाम्बे हाई कोर्ट’ के न्यायमूॢत ‘जितेंद्र जैन’ ने कहा है कि,‘‘आज के युग में माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की परवरिश में कुछ गड़बड़ी है तथा एक बेटा अपने वृद्ध माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर ले जाने की बजाय उन्हें अदालत में घसीट रहा है।’’ 
संतानों द्वारा अपने बुजुर्गों पर इस तरह के अत्याचार के कारण ही हम अपने लेखों में बार-बार लिखते रहते हैं कि माता-पिता अपनी सम्पत्ति की वसीयत तो अपने बच्चों के नाम अवश्य कर दें पर इसे ट्रांसफर न करें। ऐसा करके वे अपने जीवन की संध्या में आने वाली अनेक परेशानियों से बच सकते हैं परंतु अक्सर बुजुर्ग यह भूल कर बैठते हैं जिसका खमियाजा उन्हें अपने शेष जीवन भुगतना पड़ता है।—विजय कुमार

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