अपराधी, पुलिस व राजनीतिज्ञ गठजोड़ तोड़ना जरूरी

Edited By ,Updated: 23 Jul, 2021 05:48 AM

it is necessary to break the nexus of criminals police and politicians

यह जोरास्ट्रियन उत्सव नवरोज का दिन था, पारसी नववर्ष। मैं अपनी पोती के परिवार के साथ लंच के टेबल पर था। मेरी पोती का विवाह कवराना घराने में हुआ था। मेरा मोबाइल फोन बजा। बिना दया के यह लगातार

यह जोरास्ट्रियन उत्सव नवरोज का दिन था, पारसी नववर्ष। मैं अपनी पोती के परिवार के साथ लंच के टेबल पर था। मेरी पोती का विवाह कवराना घराने में हुआ था। मेरा मोबाइल फोन बजा। बिना दया के यह लगातार बजता रहा। जबकि मैंने उसे उठाने से इंकार कर दिया। मेरी दो बेटियों में से एक ने आखिरकार यह निर्णय किया कि यह परेशानी उनकी तंत्रिकाओं पर असर डाल रही है। उसने कॉल का उत्तर दिया। वह एक पत्रकार था जो दिल्ली में प्रैस के साथ बातचीत में राकांपा प्रमुख द्वारा मेरा उल्लेख किए जाने पर प्रतिक्रिया चाहता था। मुझे नहीं पता था कि पवार कहां और क्यों प्रैस से मिले।

शरद पवार ने मेरा उल्लेख क्यों किया और किस संदर्भ में? मैं बहुत दुविधा में था। मोबाइल फोन बजे जा रहा था। केवल पिं्रट मीडिया ही नहीं, बल्कि इलैक्ट्रानिक मीडिया और भी अधिक उतावला था। मेरी बेटी ने पता लगाया कि पुलिस आयुक्त, जिन्हें हटा दिया गया था, ने राज्य के गृह मंत्री पर कानूनों का उल्लंघन करके  शराब बार मालिकों से प्रति माह 100 करोड़ रुपए इक_े करके मांगने का आरोप लगाया था। यह संग्रह एक ऐसे अधिकारी द्वारा किया जाना था जिसे हाल ही में 17 वर्षों के निलंबन के बाद सेवा में बहाल किया गया था। उस पर हत्या का आरोप था जिस पर अभी अदालत ने निर्णय करना था। 

खाने की मेज पर बैठे 8 लोगों को अब यह स्पष्ट था कि शरद पवार ने यह सुझाव दिया था कि पुलिस प्रमुख द्वारा लगाए आरोपों की जांच मुझे करनी चाहिए। गृहमंत्री उनकी पार्टी राकांपा से था और महाराष्ट्र कैबिनेट में उनके द्वारा (पवार) नामांकित था। मैं हैरान था। दिल्ली में पत्रकारों को सुझाव देने से पहले पवार ने मुझसे बात नहीं की थी जो आरोपों को लेकर पवार की प्रतिक्रिया जानने के लिए बड़ी संख्या में मौजूद थे। हालांकि मैंने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया। बेहतर होता कि कार्य के लिए अधिकारी को क्लीयरैंस देने से पहले शरद पवार मेरी राय जान लेते। इससे वह हर तरह की परेशानी से बच जाते। इससे भी अधिक, इससे शहर की पुलिस व्यापक नैतिक अधोगति से बच जाती। 

बहुत संवेदनशील उपक्रमों, जैसे कि पुलिस में वरिष्ठतम स्तरों पर महत्वपूर्ण नियुक्तियों को भरने के लिए जानबूझ कर गलत व्यक्तियों का चुनाव अच्छे प्रशासन के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। इस स्तर पर जब नियुक्तियां की जाएं तो लोगों के जीवन तथा स पत्ति की सुरक्षा प्रमुख होनी चाहिए। यदि ऐसा जनता के अच्छे के लिए नहीं बल्कि पार्टी तथा इसके नेताओं के लिए धन इकट्ठा करने के लिए किया जाए तो विनाश बड़े अक्षरों में लिखा दिखाई देता है। 

असंतुष्ट पुलिस अधिकारियों के अतिरिक्त सीधे-सादे नागरिकों ने मुझे, एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को उ मीदवारों की प्रवृत्तियों के बारे में बताया। यदि मुझे जरा भी संदेह होता कि शरद पवार  एक गलत चुनाव करने वाले हैं तो मैं चुपचाप सुप्रिया सुले, सांसद जो अपने पिता के कान हैं, से बात करता। मुझे सुप्रिया सुले की ताकत तथा उद्देश्य को लेकर उनके प्रति बहुत स मान है। केवल त्रुटिहीन निष्ठा वाले लोगों को ही शीर्ष पदों पर नियुक्त करना चाहिए। जिन लोगों की निष्ठा संदिग्ध हो उन्हें सोच के दायरे से बाहर कर देना चाहिए। जो लोग नियमों का पालन नहीं करते, स्वाभाविक है कि वे जनता के भले की परवाह नहीं करते। ऐसे राजनीतिज्ञों को अगली बार नहीं चुनना चाहिए। मुझे गृह मंत्री के हस्तांतरण के बदले नकदी की ओर झुकाव बारे जानकारी थी। बहुत से अधिकारियों तथा लोगों, जिन्होंने धन दिया था, अपनी कहानियां फैला रहे थे। 

मगर मैं व्यक्तियों के नजरिए से समस्या को नहीं देखता। यह कहीं अधिक गहरी तथा गंभीर है। अपराधी-पुलिस-राजनीतिज्ञ गठजोड़ तोडऩे की जरूरत है। यही वह अपवित्र संबंध है जो पानी को गंदा करता है। परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अमित शाह ने दोनों हाथों से लपक लिया। वर्तमान में एन.आई.ए. तथा सी.बी.आई., दोनों संगठन केंद्रीय गृह मंत्री को रिपोर्ट करते हैं जो देशमुख को घेरने के लिए एड़ी-चोटी का जोर  लगाए हुए हैं। उन्होंने बुरे गठजोड़ को तोडऩे में कोई रुचि नहीं दिखाई है। यदि लोगों को लाभ पहुंचाना है तो स्वार्थी राजनीतिज्ञों तथा बुरे पुलिस अधिकारियों के बीच गठजोड़ अवश्य समाप्त करना होगा। इसके लिए अब सुनहरा अवसर है। 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब दखल दिया है। इसने सी.बी.आई. से यह पता लगाने के लिए कहा है कि सचिन वाजे, इंस्पैक्टर जो बार मालिकों तथा क्रिकेटर बुकियों से अवैध धन संग्रह करने का प्रभारी था, को सभी कानूनों तथा नियमों के विरुद्ध सेवा में कैसे बहाल किया गया। इस सारी घिनौनी कहानी, कि कैसे शैतान राजनीतिज्ञ चाहवान पुलिस कर्मियों को पारस्परिक लाभ के लिए संरक्षण देते हैं, का पर्दाफाश होना चाहिए।-जूलियो रिबैरो(पूर्व डी.जी.पी. पंजाब व पूर्व आई.पी.एस.अधिकारी)
 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!