अगले वित्त वर्ष 10% Nominal GDP ग्रोथ का हो सकता है अनुमान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jan, 2024 11:01 AM

10 nominal gdp growth may be expected in the next financial year

वित्त वर्ष 24-2025 के लिए 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (Nominal GDP) की वृद्धि दर 10 से 10.5 फीसदी रखे जाने की संभावना है जबकि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए 8.9 फीसदी नॉमिनल जीडीपी वृद्धि...

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 24-2025 के लिए 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (Nominal GDP) की वृद्धि दर 10 से 10.5 फीसदी रखे जाने की संभावना है जबकि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए 8.9 फीसदी नॉमिनल जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। एक वरिष्ठ सरकारी अ​धिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘हम वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी आंकड़ों के पहले अग्रिम अनुमान का इंतजार कर रहे थे। हम अगले कुछ दिनों में वित्त वर्ष 2025 के लिए अंतरिम बजट में नॉमिनल जीडीपी वृद्धि के अनुमान को अंतिम रूप दे देंगे। आंकड़ों की गणना से पता चलता है ​कि वित्त वर्ष 2025 के लिए नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 10 से 10.5 फीसदी के दायरे में रह सकती है।’

नॉमिनल जीडीपी की गणना वर्तमान बाजार मूल्य पर की जाती है और इसका उपयोग राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा तथा ऋण-जीडीपी अनुपात जैसे महत्त्वपूर्ण व्यापक आ​र्थिक संकेतकों की गणना के लिए आधार के तौर पर किया जाता है।

उच्च नॉमिनल जीडीपी अनुमान से वित्त मंत्री को राजकोषीय घाटा कम दिखाने में आसानी होती है जबकि कम नॉमिनल जीडीपी वृद्धि का मतलब राजकोषीय घाटा बढ़ने की आंशका होती है। क्रि​सिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 के लिए 10.5 फीसदी नॉमिनल जीडीपी वृद्धि का अनुमान महत्त्वाकांक्षी नहीं होगा क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सकारात्मक हो गई है और हाल के दिनों में 10.5 फीसदी वृद्धि का रूझान दिखा है।’

अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और जिंसों के दाम में नरमी के कारण अक्टूबर 2022 तक थोक मुद्रास्फीति लगातार 7 महीने तक अपस्फीति के दायरे (deflationary territory ) में रही थी। नवंबर में मुख्य रूप से स​ब्जियों के दामों में तेजी के कारण थोक मुद्रास्फीति सकारात्मक ​होकर 0.26 फीसदी रही।

वास्तवित जीडीपी की गणना नॉमिनल जीडीपी से जीडीपी डिफ्लेटर को घटाकर की जाती है। जीडीपी डिफ्लेटर थोक मुद्रास्फीति और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दरों का भारित औसत है जिसमें थोक मुद्रास्फीति का भारांश ज्यादा होता है। चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है मगर थोक मुद्रास्फीति के कम रहने से वित्त वर्ष 2024 में नॉमिनल जीडीपी वृद्धि घटकर 8.9 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि बजट में इसके 10.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि अगले साल नॉमिनल जीडीपी वृद्धि करीब 10 फीसदी रह सकती है। उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2024 में कम अपस्फीतिकारक (low deflators) की वजह से वृ​द्धि नरम रही। बजट तैयार करते समय सामान्यीकरण और आधार प्रभाव इस आंकड़े को तार्कित ठहराएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.75 से 6.8 फीसदी रहेगी।’

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 10.6 फीसदी और वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। 

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति में अगले साल नरमी आएगी मगर थोक मुद्रास्फीति में तेजी आ सकती है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2025 में नॉमिनल जीडीपी वृद्धि बढ़कर 9.5 फीसदी पहुंच सकती है।
 

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