जीडीपी से भी बड़ा झटका, चार दशक में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा उपभोक्ता खर्च: रिपोर्ट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Nov, 2019 06:43 PM

bigger blow than gdp consumer spending reached the lowest

देश की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती गंभीर होती जा रही है। NSO की ताजा रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है। बता दें कि NSO (National Statiscal Office) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में उपभोक्ता की खर्च सीमा घट गई है। गौरतलब है कि बीते 45 सालों में ऐसा...

नई दिल्लीः देश की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती गंभीर होती जा रही है। NSO की ताजा रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है। बता दें कि NSO (National Statiscal Office) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में उपभोक्ता की खर्च सीमा घट गई है। गौरतलब है कि बीते 45 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2011-12 में जहां एक व्यक्ति द्वारा अपने घरेलू खर्च पर 1501 रुपए खर्च किए जा रहे थे। वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 3.7 प्रतिशत गिरकर 1446 रुपए मासिक पर आ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, उपभोक्ता खर्च में यह गिरावट देश में गरीबी के व्यापक होने और मांग में आयी कमी की ओर भी इशारा कर रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में स्थिति ज्यादा खराब है, जहां 2017-18 में उपभोक्ताओं की खर्च सीमा में 8.8 प्रतिशत की गिरावट आयी है। हालांकि वहीं दूसरी तरफ शहरी इलाकों में इसमें मामूली सी 2% की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के हवाले से जानकारी मिली है, जिसने एनएसओ की ताजा रिपोर्ट का अध्ययन किया है। यह सर्वे एनएसओ द्वारा जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के बीच किया गया है। जिसकी रिपोर्ट 19 जून, 2019 को जारी की जानी थी। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, विपरीत आंकड़ों के चलते फिलहाल NSO ने इस रिपोर्ट को जारी नहीं किया है।

उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता खर्च की सीमा में गिरावट के साथ-साथ देश के औद्योगिक उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है। हाल ही में सांख्यिकी मंत्रालय ने इस संबंध में कुछ आंकड़े जारी किए थे, जिनके अनुसार, सितंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन में बीते आठ सालों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। औद्योगिक उत्पादन 4.3 प्रतिशत संकुचित हुआ है। व्यापार के तीनों आधार क्षेत्र पूंजीगत वस्तु, टिकाऊ उपभोक्ता और बुनियादी ढांचों एवं निर्माण वस्तुओं के उत्पादन में कमी आयी है।

हाल ही में मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर को अनुमान को घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 5.8 प्रतिशत था। मूडीज ने गुरुवार को कहा है कि देश की जीडीपी में नरमी अपेक्षा के विपरीत लंबे समय तक खींच गई है, जिसके कारण उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर को घटना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह विकास दर 7.4 प्रतिशत रही थी।

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